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करौली

राखी बंधते ही खिल उठे असाहय बालकों के चेहरे

करौली. राजस्थान पत्रिका के सामाजिक सरोकारों के तहत सोमवार को करौली के चैतन्य सेवा संस्थान में नि:शक्त व असाहय बालकों के बीच राखी महोत्सव मनाया, जिससे बालकों के चेहरे खिल उठे।

करौलीAug 19, 2019 / 07:50 pm

vinod sharma

The faces of unsuspecting children blossomed as soon as Rakhi tied

राखी बंधते ही खिल उठे असाहय बालकों के चेहरे


करौली. राजस्थान पत्रिका के सामाजिक सरोकारों के तहत सोमवार को करौली के चैतन्य सेवा संस्थान में नि:शक्त व असाहय बालकों के बीच राखी महोत्सव मनाया, जिससे बालकों के चेहरे खिल उठे। इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि नि:शक्त व असाहय बालकों के बीच रखा बंधन बनाना मानवीयता का कार्य है। उन्होंने कहा कि गरीब तबके को समाज की मुख्य धारा से जोडऩा ही होगा। इस दौरान राजस्थान पत्रिका के पाठक व शहर के प्रमुख महिला-पुरुषों ने बालक-बालिकाओं के राखी बांधी तथा उन्हें समाज की मुख्य धारा से जोडऩे का विश्वास दिलाया।

काफी सालों के बाद बंधी राखी
चैतन्य सेवा संस्थान में असाहय व नि:शक्त बालक -बालिकाएं है। नि:शक्त बालक तो घर चले जाते है। लेकिन असाहय इसी संस्थान में रहते है। इस कारण असाहय बालक-बालिकाओं ने सालों के बाद राखी का त्योहार मनाया गया। चैतन्य सेवा संस्थान की छात्राओं ने भी बालकों की कलाई पर राखी बांधी।
काफी सालों के बाद बंधी राखी
चैतन्य सेवा संस्थान में असाहय व नि:शक्त बालक -बालिकाएं है। नि:शक्त बालक तो घर चले जाते है। लेकिन असाहय इसी संस्थान में रहते है। इस कारण असाहय बालक-बालिकाओं ने सालों के बाद राखी का त्योहार मनाया गया। चैतन्य सेवा संस्थान की छात्राओं ने भी बालकों की कलाई पर राखी बांधी।

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