एनीकट की जगह प्लांट में आएगा पानी
60 करोड़ रुपये की इस योजना में एनबीडीए से पानी पाइप लाइन के माध्यम से सीधे एनीकट न आकर वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट कटायेघाट में आएगा। इसके अलावा योजना के तहत शहर की मेन लाइनों को ठीक कराया जाएगा। डब्ल्यूटीपी को रिनोवेट कराया जाएगा। नई पाइप लाइनों का विस्तार होगा। बता दें कि शहर में पानी का सोर्स नहीं है, इसलिए नर्मदा जल लाने फिर पहल शुरू की जा रही है। एनबीडीए से 35 किलोमीटर तक पाइपलाइन डब्ल्यूटीपी में जोड़कर पानी को शुद्धकर सप्लाई की जाएगी। योजना पर स्वीकृति की मुहर लगते ही टेंडर प्रक्रिया होगी।
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इस योजना को नहीं मिली मंजूरी
बता दें कि नगर निगम ने शहर के 45 वार्डों की पेयजल समस्या के समाधान के लिए 5 साल पहले योजना बनाई थी। नर्मदा जल एनीकट में लाने प्रस्ताव बनाया था। 53 करोड़ रुपये से पानी नदी में पहुंचता इसके बाद शुद्ध करके सप्लाई होती। बहोरीबंद के सलैया सिहोरा से पानी आना था, लेकिन प्रस्ताव पर मुहर नहीं लगी। दो बार प्रस्ताव नगरीय प्रशासन विभाग को गया, लेकिन अनुमति नहीं मिल पाई थी। अब फिर बड़ा प्रोजेक्ट बना है, जिसके बाद लोगों में नई उम्मीद बंधी है।
अमृत प्रोजेक्ट की यह है स्थिति
शहरवासियों को व्यवस्थित पेयजल के लिए 2016 से अमृत प्राजेक्ट पर काम हो रहा है, लेकिन अभी तक यह योजना मूर्तरूप नहीं ले पाई। इसमें नगर निगम 24 करोड़ रुपये खर्च कर रही है। पूरे शहर में पानी पाइप लाइन, पांच साल के लिए पीएलसी, ऑटोमेटिक कम्प्यूटराइज्ड चेम्बर फ्लो ऑफ वाटर देखने के लिए होना हे। रॉ वॉटर और शुद्ध पानी की स्थिति देखी जाएगा। हालांकि शहर में 117 किलोमीटर में से 112 किलोमीटर पाइप लाइन डाल दी गई है। 17 हजार नल कनेक्शन करने थे जिसमें से अभी महज 9 हजार ही हो पाए हैं। ठेकेदार द्वारा धीमी गति से काम किया जा रहा है।
खास-खास:
– वर्ष 2040 तक होने वाली अनुमानित जनसंख्या के मान से बना है प्रोजेक्ट।
– 5 करोड़ लीटर से अधिक प्रतिदिन शहरवासियों को पेयजल मुहैया कराए जाने का है लक्ष्य।
– पांच साल तक तक के लिए एजेंसी को दिया जाएगा पेयजल सप्लाई का काम।
– गर्मी में 1 समय महज आधे घंटे ही होती है पेयजल की सप्लाई।
इनका कहना है
पेयजल समस्या से शहरवासियों को निजात दिलाने और 24 घंटे पेयजल की उपलब्धता के लिए नया प्रोजेक्ट बनाया गया है। डीपीआर तैयार हो गया है। सैद्धांतिक स्वीकृति भी मिल गई है। तीन दिनों के भीतर शासन को भेजा जाएगा।
शैलेंद्र शुक्ला, अधीक्षण यंत्री, नगर निगम।