scriptभीषण समस्या से निपटने नगर निगम ने बनाई खास योजना: 60 करोड़ के प्रोजेक्ट से शहरवासियों को मिलेगा 24 घंटे ‘अमृत’ | 60 crore project to solve drinking water problem in Katni city | Patrika News
कटनी

भीषण समस्या से निपटने नगर निगम ने बनाई खास योजना: 60 करोड़ के प्रोजेक्ट से शहरवासियों को मिलेगा 24 घंटे ‘अमृत’

गर्मी की आहट शुरू हो गई है और ऐसे में शहर पेयजल समस्या की जद में है। पेयजल समस्या से निजात के लिए पूर्व की योजना फेल होने के बाद नगर निगम ने फिर से नई योजना बनाई है। 60 करोड़ रुपये से प्रोजेक्ट तैयार किया गया है। यह योजना सफल हुई तो शहरवासियों को 24 घंटे आवश्यकता अनुसार शुद्ध पेयजल मिल सकेगा।

कटनीFeb 23, 2020 / 01:47 pm

balmeek pandey

60 crore project to solve drinking water problem in Katni city

60 crore project to solve drinking water problem in Katni city

बालमीक पांडेय @ कटनी. गर्मी की आहट शुरू हो गई है और ऐसे में शहर पेयजल समस्या की जद में है। पेयजल समस्या से निजात के लिए पूर्व की योजना फेल होने के बाद नगर निगम ने फिर से नई योजना बनाई है। 60 करोड़ रुपये से प्रोजेक्ट तैयार किया गया है। यह योजना सफल हुई तो शहरवासियों को 24 घंटे आवश्यकता अनुसार शुद्ध पेयजल मिल सकेगा। सैद्धांतिक स्वीकृति के बाद इसे कलेक्टर व प्रशासक के माध्यम से नगरीय प्रशासन विभाग को भेजा जाएगा। बता दें कि शहर को प्रतिदिन 38 से 40 एमएलडी (मिलीयन लीटर प्रतिदिन) पेयजल की आवश्यकता है। नगर निगम महज 24 से 26 एमएलडी पेयजल की सप्लाई दोनों समय में कर कर पा रही है। शहर में 57 हजार परिवार व ढाई लाख के ऊपर आबादी हो गई है। ऐसे में प्रतिदिन एक व्यक्ति को 24 घंटे सात दिनों में 135 एलपीसीडी पेयजल की जरूरत होती है। नगर निगम पांच माह तक 90 से 100 एलपीसीडी पेयजल तो दे पाता है, लेकिन मार्च से खपत 50 एलपीसीडी ही रह जाती है। याने कि महज 18 से 20 एमएलडी बमुश्किल पेयजल की सप्लाई होती है। इस समस्या निजात के लिए 2016 से पहल हो रही है। नर्मदा विकास प्राधिकरण (एनबीडीए) का जल कटनी नदी में लाने की योजना पर काम हो रहा था।

 

उजागर हुआ मामला तो कंपनी ने आनन-फानन में किसानों को कंपनी ने दिया अनुबंध पत्र, कान्ट्रेक्ट फॉर्मिंग का मामला

 

एनीकट की जगह प्लांट में आएगा पानी
60 करोड़ रुपये की इस योजना में एनबीडीए से पानी पाइप लाइन के माध्यम से सीधे एनीकट न आकर वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट कटायेघाट में आएगा। इसके अलावा योजना के तहत शहर की मेन लाइनों को ठीक कराया जाएगा। डब्ल्यूटीपी को रिनोवेट कराया जाएगा। नई पाइप लाइनों का विस्तार होगा। बता दें कि शहर में पानी का सोर्स नहीं है, इसलिए नर्मदा जल लाने फिर पहल शुरू की जा रही है। एनबीडीए से 35 किलोमीटर तक पाइपलाइन डब्ल्यूटीपी में जोड़कर पानी को शुद्धकर सप्लाई की जाएगी। योजना पर स्वीकृति की मुहर लगते ही टेंडर प्रक्रिया होगी।

 

महत्वपूर्ण जंक्शन में बढ़ा सुरक्षा का दायरा, शुरू हुई लगेज स्कैनर मशीन, देखें वीडियो

 

इस योजना को नहीं मिली मंजूरी
बता दें कि नगर निगम ने शहर के 45 वार्डों की पेयजल समस्या के समाधान के लिए 5 साल पहले योजना बनाई थी। नर्मदा जल एनीकट में लाने प्रस्ताव बनाया था। 53 करोड़ रुपये से पानी नदी में पहुंचता इसके बाद शुद्ध करके सप्लाई होती। बहोरीबंद के सलैया सिहोरा से पानी आना था, लेकिन प्रस्ताव पर मुहर नहीं लगी। दो बार प्रस्ताव नगरीय प्रशासन विभाग को गया, लेकिन अनुमति नहीं मिल पाई थी। अब फिर बड़ा प्रोजेक्ट बना है, जिसके बाद लोगों में नई उम्मीद बंधी है।

 

गजब हैं ये मधुमक्खियां: 300 बॉक्स में 2 किसानों को महज पांच माह में 12 लाख की आमदनी, कमाल की है शिमलामिर्च, टमाटर व पपीता की अंतवर्ती खेती

 

अमृत प्रोजेक्ट की यह है स्थिति
शहरवासियों को व्यवस्थित पेयजल के लिए 2016 से अमृत प्राजेक्ट पर काम हो रहा है, लेकिन अभी तक यह योजना मूर्तरूप नहीं ले पाई। इसमें नगर निगम 24 करोड़ रुपये खर्च कर रही है। पूरे शहर में पानी पाइप लाइन, पांच साल के लिए पीएलसी, ऑटोमेटिक कम्प्यूटराइज्ड चेम्बर फ्लो ऑफ वाटर देखने के लिए होना हे। रॉ वॉटर और शुद्ध पानी की स्थिति देखी जाएगा। हालांकि शहर में 117 किलोमीटर में से 112 किलोमीटर पाइप लाइन डाल दी गई है। 17 हजार नल कनेक्शन करने थे जिसमें से अभी महज 9 हजार ही हो पाए हैं। ठेकेदार द्वारा धीमी गति से काम किया जा रहा है।

खास-खास:
– वर्ष 2040 तक होने वाली अनुमानित जनसंख्या के मान से बना है प्रोजेक्ट।
– 5 करोड़ लीटर से अधिक प्रतिदिन शहरवासियों को पेयजल मुहैया कराए जाने का है लक्ष्य।
– पांच साल तक तक के लिए एजेंसी को दिया जाएगा पेयजल सप्लाई का काम।
– गर्मी में 1 समय महज आधे घंटे ही होती है पेयजल की सप्लाई।

इनका कहना है
पेयजल समस्या से शहरवासियों को निजात दिलाने और 24 घंटे पेयजल की उपलब्धता के लिए नया प्रोजेक्ट बनाया गया है। डीपीआर तैयार हो गया है। सैद्धांतिक स्वीकृति भी मिल गई है। तीन दिनों के भीतर शासन को भेजा जाएगा।
शैलेंद्र शुक्ला, अधीक्षण यंत्री, नगर निगम।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो