scriptपत्रिका एक्सक्लूसिव : मिलर्स को प्रोत्साहित करने के लिये 4 श्रेणियों में प्रोत्साहन राशि तय करने की तैयारी | fix incentive amount in 4 categories to encourage millers | Patrika News
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पत्रिका एक्सक्लूसिव : मिलर्स को प्रोत्साहित करने के लिये 4 श्रेणियों में प्रोत्साहन राशि तय करने की तैयारी

धान खरीदी के बाद मिलिंग की धीमी रफ्तार के कारण धान ज्यादा समय ओपन कैप में रखना पड़ा। कटनी जिले के अलग-अलग ओपन कैप में 1 लाख 70 हजार मिट्रिक टन धान का भंडारित है।

कटनीJun 17, 2021 / 06:27 pm

Faiz

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पत्रिका एक्सक्लूसिव : मिलर्स को प्रोत्साहित करने के लिये 4 श्रेणियों में प्रोत्साहन राशि तय करने की तैयारी

कटनी/ सरकारी धान की मिलिंग के बाद जरुरतमंद परिवारों के लिए चावल जमा करने वाले मिलर्स को प्रोत्साहित करने अब प्रदेश सरकार ने चार श्रेणियों में प्रोत्साहन राशि देने की तैयारी कर ली है। इसमें मिलर्स जितना ज्यादा चावल एफसीआई के मानकों के अनुसार जमा करवाएंगे, उन्हें उतनी ही अधिक प्रोत्साहन राशि मिलेगी।

 

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व्यवस्था की वजह

मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाइज कार्पोरेशन (नान) के जिला प्रबंधक मधुर खर्ग ने बताया कि, मिलिंग का औसत बढ़ाने के लिए मिलर्स को 4 श्रेणियों में प्रोत्साहन राशि देने की तैयारी की जा रही है। गुरूवार शाम तक इसकी विस्तृत रिपोर्ट आ जाएगी। प्रोत्साहन राशि में दस रुपये प्रति क्विंटल मिलिंग दर पूर्व के अनुसार पहले से होगी। प्रोत्साहन राशि का उद्देश्य यही है कि, राशन दुकानों के लिए जमा होने वाले चावल की गुणवत्ता में किसी प्रकार से कमी न आए। साथ ही, गोदाम में रखे धान को जल्दी कम कर चावल में बदला जाए।

 

इस तरह प्रोत्साहन राशि तय करने की तैयारी

नोट: चारों श्रेणियों में विस्तृत शर्तें लागू की जाएगी, जो जारी निर्देश पर स्पष्ट होगा। वर्तमान में 10 रुपये प्रति क्विंटल मिलिंग और 25 रुपये प्रोत्साहन राशि दिया जा रहा है।

 

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इसलिए बढ़ानी पड़ रही प्रोत्साहन राशि

माना जा रहा है कि, पिछले साल जबलपुर संभाग के कुछ जिलों में राशन दुकानों में जानवरों के खाने योग्य चावल सप्लाई का मामला सामने आने के बाद पीएमओ सेे जानकारी मांगने और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा इओडब्ल्यू को जांच दिए जाने के बाद चावल जमा करने के दौरान गुणवत्ता का पालन होने लगा और इससे मुनाफा पर असर पड़ने के बाद मिलिंग की गति कम हो गई। इस साल 6 महीने बीत जाने के बाद भी पूरे प्रदेश में धान की मिलिंग 13 प्रतिशत से ज्यादा नहीं बढ़ी है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए मिलिंग बढ़ाने मिलर्स को प्रोत्साहित करने चार श्रेणियों में प्रोत्साहन राशि देने की तैयारी है।


यानी सरकार भी मानती है एफसीआई से आसान है नान में चावल जमा करना

सरकारी धान की निजी मिलर्स द्वारा मिलिंग के बाद चावल जमा करने को लेकर जिस प्रकार से प्रोत्साहन राशि तय करने की तैयारी चल रही है। उसके बाद एक सवाल ये भी उठता है कि, क्या सरकार भी मानती है कि फूड कार्पोरेशन ऑफ इंडिया (एफसीआई) के गोदाम की तुलना में नागरिक आपूर्ति निगम (नान) के अधीन संचालित गोदामों में चावल जमा करना ज्यादा आसान है।


कटनी में 6 माह में महज 12 प्रतिशत ही मिलिंग

समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के बाद मिलिंग के मामले में कटनी प्रदेश के औसत से पीछे है। यहां 3 लाख 27 हजार मिट्रिक टन में महज 52 हजार मिट्रिक टन धान की मिलिंग हो सकी है। जानकार बताते हैं कुछ मिलर्स इस मामले में लगातार सरकारी गोदाम में धान भंडारण का मुद्दा भी उठाते रहे हैं। भंडारण के दौरान धान खराब होने और उससे मिलिंग के बाद चावल की गुणवत्ता पर असर पड़ने की बात कहते रहे हैं।

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