12 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

अवैध मैरिज गार्डनों पर कार्रवाई की बात कह भूले अफसर, इस शहर में ताक पर नियम, उपयंत्रियों पर मेहरबान आयुक्त

शहर में छोटे से लेकर बड़ी होटलों और खाली प्लाटों का गार्डन का स्वरूप देकर पूंजीपति लोग मैरिज गार्डन के नाम पर लाखों रुपये कमा रहे हैं। हैरानी की बात तो यह है कि शहर में एक नहीं बल्कि 34 मैरिज गार्डन मनमाने तरीके से चल रहे हैं।

2 min read
Google source verification

कटनी

image

Balmeek Pandey

Jan 13, 2020

Illegal marriage garden

Illegal marriage garden

कटनी. शहर में छोटे से लेकर बड़ी होटलों और खाली प्लाटों का गार्डन का स्वरूप देकर पूंजीपति लोग मैरिज गार्डन के नाम पर लाखों रुपये कमा रहे हैं। हैरानी की बात तो यह है कि शहर में एक नहीं बल्कि 34 मैरिज गार्डन मनमाने तरीके से चल रहे हैं। अवैध मैरिज गार्डन को लेकर नगर निगम आयुक्त आरपी सिंह ने दिसंबर माह में कार्रवाई की बात कही थी, लेकिन अबतक एक पर भी कोई कार्रवाई नही हुई। इतना ही नहीं नगर निगम के जिन छह उपयंत्रियों को अवैध मैरिज गार्डनों पर निगरानी रखनी थी व नियमों का पालन न करने पर कार्रवाई करनी थी, उन्होंने अबतक कुछ भी नहीं किया। उपयंत्रियों पर भी आयुक्त मेहरबान हैं। बता दें कि उपयंत्री अनिल जायसवाल, संजय मिश्रा, रवि हनौते, पवन श्रीवास्तव, अश्वनी पांडे, जेपी सिंह बघेल को नियमों का पालन कराना है। अभी तक मात्र दो लोगों ने तुलसी मैरिज गार्डन दुबे कॉलोनी के आगे, चौरसिया मैरिज गार्डन रामकृष्ण परमहंस वार्ड ने ही शुल्क जमा किया है। नगर निगम ने वेदांश वाटिका, नंदन कानन मैरिज गार्डन, जलसा मैरिज गार्डन सहित एक अन्य को ही सिर्फ नोटिस जारी किया है। निर्धारित शुल्क न जमा करने पर फीस जमा करने नोटिस दिया है। बता दें कि गार्डन संचालक प्रति विवाह शुल्क, साल भर का 15 हजार रुपये पंजीयन शुल्क सहित अन्य शुल्क भी नहीं जमा कर रहे।

इसे कहते हैं कबाड़ से जुगाड़: कटनी के सुरम्य पार्क में हो गया गजब का सौंदर्यीकरण, अब चलने वाली है यह ट्रेन

इन नियमों का नहीं कर रहे पालन
शहर के 34 अवैध मैरिज गार्डन हर पांच वर्ष में लाइसेंस रिन्यूअल कराना, समारोह में हवाई फायर पर प्रतिबंध, परिसर में सीसी टीवी कैमरे लगाना अनिवार्य है, लेकिन अधिकांश गार्डनों में कैमरे नहीं लगे। समारोह से तीन दिन पहले संबंधित थाने में सूचना देना, रात 10 बजे के बाद डीजे का उपयोग न करना, आतिशबाजी के लिए निर्धारित स्थान की जानकारी प्रशासन को देना, समारोह के बाद कचरा फेंकना, मैरिज गार्डन के कुल क्षेत्रफल का 35 फीसदी स्थान पार्किंग के लिए अनिवार्य है, लेकिन कई जगह सड़कों पर पार्किंग होती है। मैरिज गार्डन में वृक्षारोपण, पार्क, और खुली भूमि होना भी अनिवार्य, है, लेकिन यहां पर धर्मशाला में शहनाइयां बजती हैं। आने-जाने के लिए गार्डन में अलग-अलग रास्ते, अग्निशमन यंत्र अनिवार्य, महिला एवं पुरुषों के लिए पर्याप्त प्रसाधन, कक्ष सहित अन्य नियमों का पालन नहीं कर रहे।

एक करोड़ 86 लाख से शहर में बनेगी यह सड़क, बचेगा 3 किमी का फेरा मिलेगी जाम से मुक्ति, पन्ना तिराहा से सीधे जुड़ेगा शहर

कानफोड़ू बजता है डीजे
मैरिज गार्डन में डीजे से 80 डेसिबल तक शोर होता है, जो सीधे ध्वनि प्रदूषण करता है। जबकि सामान्य अवस्था के हिसाब से एक शरीर दिन के समय अधिकतम 55 डेसिबल और रात के समय अधिकतम 45 डेसिबल तक ही ध्वनि सह सकता है। इससे ज्यादा होने पर दुष्प्रभाव सामने आते हैं। इससे बहरापन, मानसिक उत्तेजना, चिड़चिड़ापन और दिमागी असंतुलन हो सकता है।

इनका कहना है
कुछ मैरिज गार्डन संचालकों को नोटिस जारी किया गया है। उपयंत्री कार्रवाई क्यों नहीं कर रहे हैं सोमवार को तलब किया जाएगा। नियमों का पालन न करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
आरपी सिंह, आयुक्त नगर निगम।