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CBSE : 9वीं-10वीं में छात्रों को पढ़ने होंगे 3 लैंग्वेज समेत 10 विषय, क्रेडिट सिस्टम भी हुआ लागू…देखिए Update

CBSE Class 10th-12th Study Plan: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा मंडल(सीबीएसई) द्वारा न्यू एजुकेशन पॉलिसी के तहत न्यू फ्रे म वर्क तैयार कर शिक्षा के ढांचे में मूलभूत बदलाव लाने के प्रयास किए गए हैं।

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CBSE New Rules: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा मंडल(सीबीएसई) द्वारा न्यू एजुकेशन पॉलिसी के तहत न्यू फ्रे म वर्क तैयार कर शिक्षा के ढांचे में मूलभूत बदलाव लाने के प्रयास किए गए हैं। इस फ्रेम वर्क के तहत शिक्षा के साथ साथ छात्र-छात्राओं के समग्र विकास पर ध्यान केंद्रित किया गया है। जारी किए गए निर्देश में बताया गया है कि कोर्सेज और उनको पढ़ने के लिए समयावधि का भी निर्धारण किया गया है कि एक विषय पर एक शिक्षा स्तर में कम से कम इतने घंटे की क्लास लगनी अनिवार्य होगी।

कक्षा 10वीं में दो भारतीय भाषाओं समेत तीन भाषाओं का प्रस्ताव है। इसके अलावा जिन सात विषयों का प्रस्ताव हैं वे मैथमेटिक्स एंड कंप्यूटेशन थिंकिंग, सोशल साइंस, आर्ट एजुकेशन, फिजिकल एजुकेशन एंड वेल बीइंग, वोकेशनल एजुकेशन और एनवायरमेंटल एजुकेशन शामिल हैं। इसमें तीनों भाषाओंए मैथमेटिक्स एंड कंप्यूटेशन थिंकिंग, सोशल साइंस, एनवायरमेंटल एजुकेशन का मूल्यांकन बाहरी परीक्षा के तौर पर होगा, जबकि अन्य विषयों का मूल्यांकन बाहरी और आंतरिक दोनों तरीके से होगा। लेकिन छात्रों को सभी 10 विषयों में पास होना अनिवार्य होगा।

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वहीं 10वीं के बाद तीन लैंग्वेज पढ़ने की बाध्यता खतम हो जाएगी। सीबीएसई कक्षा 11वीं में दो भाषा विषय और चार अन्य विषय होंगे। विद्यार्थियों को सभी छह विषयों में उत्तीर्ण होना होगा। इसकी पूरी तैयारी है लागू आगामी वर्ष से होगा।

50 घंटे का प्रोजेक्ट वर्क भी

आर्ट्स और फि जिकल एजुकेशन को भी अनिवार्य कर दिया गया है। इसमें आर्ट, फिजिकल और वेल बीइंग के लिए 60 घंटे दिए गए हैं। वहीं नए शिक्षा सत्र से स्टूडेंट्स को कम से कम 50 घंटे का प्रोजेक्ट वर्क भी अनिवार्य कर दिया गया है। इस फ्रे मवर्क के लागू होने से छात्रों को लाभ मिलेगा। वह कोर्स स्टडीज के साथ-साथ वोकेशनल स्टडीज पर भी ध्यान दे सकेंगे। इस व्यवस्था को 2025-26 सत्र से लागू किया जाएगा।

नंबर की बजाए क्रेडिट

सीबीएसई की योजना नंबर सिस्टम को हटाकर क्रेडिट लागू करना है। प्रस्ताव के अनुसार शैक्षणिक वर्ष में पढ़ाई के करीब 1200 घंटे होंगे जिसके 40 क्रेडिट मिलेंगे। इसका मतलब यह है कि किसी भी स्टूडेंट को पास होने के लिए सीखने के कुल 1200 घंटे देने ही होंगे। इसमें एकेडमिक शिक्षा, स्कूल के बाहर नॉन एकेडमिक और एक्सपेरिमेंटल शिक्षा शामिल होगा।

150 घंटे पढ़ाई

लैंग्वेज सब्जेक्ट से मिलने वाली रिलीफ को भी खतम करते हुए कम से कम दो विषय पढ़ने अनिवार्य किए गए हैं। सीबीएसई ने हर विषय के लिए पढ़ाई के घंटे भी तय कर दिए गए हैं। इसके तहत स्कूलों को तैयारी करने का निर्देश दिया गया है। इसमें लैंग्वेज, एनवायरनमेंट एजुकेशन की 120 घंटे और साइंस और सोशल साइंस की 150 घंटे पढ़ाई होगी।

सभी स्कूलों को नेशनल फ्रेमवर्क करेंगे

ये बदलाव नई शिक्षा नीति के तहत किए जा रहे हैं ताकि शिक्षा के स्तर को बढ़ाया जाए। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने नई शिक्षा नीति के तहत अपने सभी स्कूलों को नेशनल फ्रेमवर्क को लेकर एक निर्देश जारी किए हैं।

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