छह माह में खर्च कर ली पूरी निधि जिला योजना एवं सांख्यिकी कार्यालय की रिपोर्ट के अनुसार मांधाता विधायक नारायण पटेल, खंडवा विधायक देवेंद्र वर्मा और पंधाना विधायक राम दांगोरे ने निधि खर्च कर ली है। हरसूद विधायक विजय शाह ने ढाई करोड़ रुपए की राशि एक मुक्त विकास के लिए प्रस्ताव दिए। पंधाना, खंडवा और मांधाता ने तो निधि से अधिक विकास के प्रस्ताव भेजे। चुनाव की घोषणा से पहले तक निधि के आधार पर सभी विधायकों के प्रस्तावित विकास के लिए राशि जारी कर दी । प्रत्येक विधायक ने चालू वित्तीय वर्ष में जुलाई से सितंबर के बीच ढाई-ढाई करोड़ रुपए विकास की निधि खर्च कर दी है। जबकि इससे पहले के वित्तीय वर्ष में ज्यादातर विधायकों ने वित्तीय वर्ष के आखिरी समय में दिसंबर से मार्च के बीच राशि खर्च की है। इस पर चुनाव के पहले ही विकास निधि शून्य हो गई।
ऐसे समझें विकास निधि प्रत्येक विधायक को हर साल विकास निधि में 2.50 करोड़ रुपए मिलती है। इसी तरह 75 लाख रुपए स्वेच्छा निधि अलग से आती है। विधायक विकास निधि को सड़क, बिजली और पानी के साथ विकास पर खर्च कर सकता है। स्वेच्छा निधि से किसी की भी मदद कर सकता है। चार माह तक आर्थिक मदद भी नहीं कर सकेंगेनए विधायकों को चालू वित्तीय वर्ष में खजाना खाली मिलेगा। दिसंबर से लेकर मार्च तक विकास ही नहीं बल्कि किसी बीमार या कमजोर व्यक्ति की आर्थिक मदद तक नहीं कर सकेंगे।
छह माह में 13 करोड़ रुपए के दिए प्रस्ताव चालू वित्तीय वर्ष में विधायकों ने चुनाव की घोषणा से पहले छह माह के भीतर विकास के प्रस्ताव पर दस करोड़ रुपए की राशि खर्च कर दिए इसी तरह तीन करोड़ रुपए की आर्थिक सहयोग कर दिए। प्रत्येक विधायक ने विकास निधि के ढाई करोड़ और 75 लाख रुपए स्वेच्छा निधि की राशि खर्च कर दी।