परीक्षा में फेल होने के डर से शाला छोड़ जनसुनवाई पहुंचे विद्यार्थी
-शाला से स्थानांतरित शिक्षिका का तबादला निरसत करने की मांग-एडीएम ने कहा आज ही जिला शिक्षा अधिकारी को भेजने का दिया आश्वासन-गर्भवती महिला ने की बिना बताए नसबंदी करने की शिकायत
-शाला से स्थानांतरित हुए शिक्षिका का तबादला निरसत करने की मांग-एडीएम ने कहा आज ही जिला शिक्षा अधिकारी को भेजने का दिया आश्वासन-गर्भवती महिला ने की बिना बताए नसबंदी करने की शिकायत
खंडवा. परीक्षा परिणाम बिगडऩे के डर से मंगलवार को माध्यमिक शाला अमलानी के विद्यार्थी शाला की शिक्षिका का स्थानांतरण रुकवाने पहुंचे। जिला पंचायत सभागृृह में जनसुनवाई कर रही अपर कलेक्टर नंदा भलावे कुशरे से शाला में पदस्थ अन्य शिक्षक की शिकायत भी बच्चों ने की है। वहीं, बोरगांव बुजुर्ग की एक महिला ने गर्भावस्था के दौरान बिना जानकारी दिए नसबंदी करने का आरोप गांव की आशा कार्यकर्ता पर लगाया है।
ग्राम अमलानी माध्यमिक शाला से आए विद्यार्थी सबिया, क्षमा, सपना, दीपक, रोहित, सुमित आदि ने बताया कि कक्षा 6वीं से लेकर 8वीं तक शाला में दो शिक्षक है। जिसमें से शिक्षिका अंजना कुंडल का स्थानांतरण अन्य शाला में कर दिया गया है। दूसरे शिक्षक शाला में शराब पीकर आते हैं और पढ़ाते भी नहीं है। जिसके कारण उनकी पढ़ाई प्रभावित हो रही है। उन्हें डर है कि कहीं वे फेल न हो जाए। जनसुनवाई कर रही एडीएम नंदा भलावे कुशरे ने तुरंत ही फोन लगाकर जिला शिक्षा अधिकारी को बुधवार मौके पर जाकर जांच करने के निर्देश दिए।
गर्भवती होने के बाद भी करा दी नसबंदी
ग्राम बोरगांव बुजुर्ग से आई तसलीमा पति मोसिम ने बताया कि 12 दिसंबर 2019 को ग्राम की आशा कार्यकर्ता उन्हें पंधाना स्वास्थ्य केंद्र ले गई थी। इस दौरान वे गर्भवती थी और इसकी जानकारी आशा कार्यकर्ता को थी। इसके बाद भी आशा कार्यकर्ता ने उनकी नसबंदी करा दी। नसबंदी ऑपरेशन के कुछ समय बाद उन्हें तकलीफ हुई तो उन्होंने बुरहानपुर में निजी चिकित्सक से जांच कराई। सोनोग्राफी की रिपोर्ट में उन्हें 12 सप्ताह 4 दिन का गर्भ पाया गया। महिला ने बताया कि उनकी नसबंदी अभी भी है, ऐसे में उनके स्वास्थ्य पर गंभीर संकट आ सकता है। महिला ने संबंधित आशा व डॉक्टर पर कार्रवाई कर उचित चिकित्सकीय सुविधा दिलाने की मांग की।
सरपंच, सचिव की शिकायत करने आईं महिलाएं
छैगांवमाखन ब्लॉक की सोनुद पंचायत के ग्राम हैदरपुर की महिलाओं ने जन सुनवाई में पहुंचकर सरपंच और सचिव की शिकायत की। महिलाओं ने बताया कि गांव में सरपंच, सचिव द्वारा किसी भी योजना का लाभ नहीं दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री आवास योजना में सिर्फ पांच लोगों को मकान दिए गए। गांव में स्ट्रीट लाइट भी नहीं है। गांव के चार हेंडपंप में से तीन बंद पड़े हुए है। वहीं, देशगांव निवासी अमरचंद पिता लच्छु ने शिकायत की है कि उनके कर्ज माफी का पत्र मिलने के बाद भी नर्मदा झाबुआ ग्रामीण बैंक मैनेजर द्वारा ऋण भरने का दबाव बनाया जा रहा है। बार-बार किसान के घर पहुंचकर उसे अपमानित कर जेल भेजने की धमकी दी जा रही है।
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