गणेश विसर्जन के लिए कुएं में पानी छोडऩा था। इसके लिए कुछ ग्रामीण कुएं पर आए। किसी ने कुएं में पत्थर फेंका तो किशोरी तुरंत मदद के लिए चिल्लाई। कुएं के अंदर से आवाज आने पर ग्रामीण हक्के-बक्के रह गए। फिर उसे निकाले जाने की कोशिश शुरू कर दी। एक ग्रामीण को खटिया के सहारे उतारा गया और उसने किसी तरह उसी खटिया में किशोरी को लिटाकर उसे बाहर निकाला। 96 घंटे बाद उसे मानो दोबारा जीवन मिला।
आगरवाड़ा गांव में यह घटना घटी। जानकारी के अनुसार रविवार शाम को किशोरी घर से शौच के लिए निकली थी। शाम करीब 5 बजे घर से निकली थी लेकिन फिर लौटकर नहीं आई। गुरुवार शाम उसे कुएं से निकाला गया। उसे बड़वाह अस्पताल ले जाया गया जहां से उसे इंदौर रिफर कर दिया गया।
किशोरी के पिता ने आशंका जताई है कि किसी ने उसके साथ गंदा कृत्य किया है। उनके अनुसार कुआं किशोरी के घर से करीब एक किमी दूर है। जबकि शौच जाने के स्थान घर से करीब ही है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि किशोरी उस कुएं में पहुंची कैसे। शौच जाने के लिए जो डब्बा वह घर से लेकर निकली थी वह भी घर के पास ही मिला है।