जानकारी के अनुसार संजय नगर निवासी दिव्यांग वसीम अहमद शेख (35) ने सोमवार को मीडिया को बयान दिया कि 11 अप्रैल को प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में छोटी मोहन टॉकिज क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की। इस दौरान अधिकारियों के इशारे पर मेरी गुमटी को भी तोड़ दिया गया। इसी गुमटी से गोली-बिस्किट आदि बेचकर वह परिवार का गुजारा करता था।
वसीम ने पहले कहा था कि अधिकारियों ने पत्थरबाजों को ढेर लगाने की बात बोलकर मेरी गुमटी पर जेसीबी चला दी। परिवार के भरण-पोषण का एकमात्र यही साधन था। अधिकारियों ने कार्रवाई के पहले नोटिस भी नहीं दिया। दोनों हाथों से दिव्यांग। पानी पीने और खाना खाने के लिए दूसरों की मदद लेना पड़ती है। ऐसे में वह पत्थर कैसे मार सकता है। मामले के तूल पकने पर प्रशासन ने वसीम से सम्पर्क किया तो उसने वह अपने बयान पलट गया और सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर कहा कि प्रशासन की कार्रवाई में उसकी गुमटी ओर न ही मकान टूटा है, जो भी बातें कही जा रही वह अफवाह है।
नपा सीएमओ प्रियंका पटेल ने दिव्यांग के चर्चा की वास्तविकता का पता लगया। सीएमओ का कहना है कि जो गुमटी तोड़ी गई वह वसीम की नहीं। उसमें कोई सामान भी नहीं था। अफवाहों पर ध्यान न दे। कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
तहसीलदार योगेंद्रसिंह मौर्य ने कहा कि प्रशासन द्वारा पूर्व से चिन्हित अतिक्रमणकर्ताओं के विरुद्ध कार्रवाई की गई। सभी को नोटिस भी दिए थे। जिस गुमटी को तोड़ा गया है, उसमें कोई सामान नहीं था।