कोलकाताPublished: Sep 24, 2018 06:00:23 pm
Jyoti Dubey
दक्षिण कोलकाता के बाघाजतीन थाना क्षेत्र के लोटस पार्क इलाके में डेंगू की चपेट में आकर एक कॉलेज छात्रा की मौत हो गई। मृतका का नाम मोऊ मुखोपाध्याय (21) है। वह आशुतोष कॉलेज के द्वितीय वर्ष की छात्रा थी।
डेंगू का कहर: महानगर में डेंगू से कॉलेज छात्रा की मौत
कोलकाता. महानगर में डेंगू का कहर दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। शनिवार को इसकी चपेट में आने से एक और मासूम की मौत हो गई। इसके साथ ही महानगर में मृतकों की संख्या बढक़र 6 हो गई है। कोलकाता नगर निगम की ओर से मिले आंकड़े के अनुसार महानगर में 950 से अधिक मरीज डेंगू से ग्रसित हैं। शनिवार की दोपहर दक्षिण कोलकाता के बाघाजतीन थाना क्षेत्र के लोटस पार्क इलाके में डेंगू की चपेट में आकर एक कॉलेज छात्रा की मौत हो गई। मृतका का नाम मोऊ मुखोपाध्याय (21) है। वह आशुतोष कॉलेज के द्वितीय वर्ष की छात्रा थी। शुक्रवार की दोपहर कॉलेज के एक सांस्कृतिक कार्यक्रम में अचानक तबीयत बिगडऩे से उसे डॉक्टर को दिखाया गया। डॉक्टर ने डेंगू होने का संदेह जताते हुए पीडि़ता को दवाइयां दी और उल्टियां या मूत्राशय से रक्त स्त्राव होने पर तुरंत अस्पताल में भर्ती होने की सलाह दी। पारिवारिक सूत्रों के अनुसार शुक्रवार की रात मोऊ की तबीयत काफी बिगड़ गई थी। डॉक्टर के कहे अनुसार उसे उल्टियां व मूत्राशय से रक्त स्त्राव भी होने लगा। रात को ही उसके परिजनों ने तत्परता के साथ उसे बाघाजतीन स्टेट जेनरल अस्पताल में भर्ती कराया। शनिवार की सुबह होते-होते उक्त अस्पताल के डॉक्टरों ने जवाब दे दिया और उसे एमआर बांगुड़ अस्पताल में स्थानातंरित कर दिया। एमआर बांगुड़ में इलाज चलने के दौरान ही शनिवार की दोपहर उसकी मौत हो गई। डॉक्टरों के अनुसार मोऊ की मौत के सारे लक्ष्ण डेंगू वाले हैं। पारिवारिक सूत्रों के अनुसार गत 18 सितम्बर को मोऊ को पहली बार बुखार हुआ था। उस वक्त उन्होंने उसका बल्ड टेस्ट कराया था। रिपोर्ट में एनएस 1 पॉजिटिव पाया गया था। उल्लेखनीय है कि एनएस 1 पॉजिटिव होने से तात्पर्य है कि छात्रा डेंगू के संक्रमण से पीडि़त थी। वह फिलहाल डॉक्टरों के परामर्श से दवाइयां खा रही थी। मंगलवार को डेंगू व प्लेटलेट्स की पुष्टि के लिए उसका दूसरा ब्लड टेस्ट होना था। उससे पहले शुक्रवार को कॉलेज फ्रेशर पार्टी होने के कारण वह जिद्द करके घर से अपने दोस्तों के साथ कॉलेज गर्ई थी। जहां उसे अचानक दोबारा बुखार आया और सर में दर्द शुरू हो गया। जिसके बाद इलाज के दौरान ही उसकी मौत हो गई। डॉक्टरों की मानें तो डेंगू के मामलों में इतने कम समय में मौत हो जाने की वजह से उन्हें उसके इलाज का पूरा मौका नहीं मिला। गौरतलब है कि महानगर में आए दिन डेंगू पीडि़तों की संख्या बढ़ती जा रही है। कोलकाता नगर निगम की ओर से मिले आंकड़े के अनुसार महानगर में 950 से अधिक मरीज डेंगू से ग्रसित हैं। हालांकि गैर सरकारी आंकड़ों को देखा जाए तो यह आंकड़ा 1500 के ऊपर है। आलम यह है कि शहर के कई नामी बल्ड बैंकों में प्लेटलेट्स की मांग बढ़ गई है। वहीं इस परेशानी से निपटने के लिए कोलकाता नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग की ओर से लगातार बोरो स्तर पर बैठकें की जा रही है बावजूद इसके परिणाम कुछ और ही देखने को मिल रहा है।