चाकी का कहना है कि पहले सीनियर क्लासेज जैसे 9 से 12 और उसके बाद धीरे-धीरे छोटी क्लास की पढ़ाई भी चालू की जानी चाहिये। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि किसी भी सूरत में वर्चुअल शिक्षा स्थायी समाधान कभी नहीं हो सकता। बहुत सावधानी बरतते हुए अब शिक्षा संस्थानों को खोले जाने का समय आ गया है। स्कूल, कालेज बंद हुए 2 वर्ष पूरे हो जाएंगे।।छात्रों का भविष्य पूरी तरह नष्ट हो रहा है। साथ ही उनके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर भी असर पड़ रहा। छात्र मोबाइल, लैपटाप, कंप्यूटर आदि पर अधिक समय दे रहे हैं।
***** राज्य में कोविड परिस्थितियों पर चर्चा जारी है । सीएम से बातचीत कर उनके निर्देशाअनुसार ही उचित समय पर स्कूल खोले जाने के संबध में निर्णय किया जाएगा।”
शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु