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आखिर क्या भरा है इस प्लास्टिक की बोरी में, रात के अंधेरे में खपाया जा रहा ये अवैध सामान

- पुलिस को भी है जानकारी पर नहीं होती कार्रवाई

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आखिर क्या भरा है इस प्लास्टिक की बोरी में, रात के अंधेरे में खपाया जा रहा ये अवैध सामान

आखिर क्या भरा है इस प्लास्टिक की बोरी में, रात के अंधेरे में खपाया जा रहा ये अवैध सामान

कोरबा. एसईसीएल की खदानों से कोयले की चोरी जारी है। चोर गिरोह बनाकर कोयले की चोरी कर रहे हैं। ऐसा ही एक मामला एसईसीएल की सुराकछार कोल साइडिंग से चोरी का उजागर हुआ है। इसमें कोयला चोर छोटी-छोटी बोरियों में कोयले को भरकर स्टॉक से उठा ले जाते हैं। बोरियों को सूने स्थान पर रखा जाता है। रात के अंधरे में पिकअप या अन्य मालवाहन गाडिय़ों पर लोड कर बाहर में खपाया जाता है। रातों रात मालवाहक गाडिय़ों ढाबा या दुकान में कोयले पहुंचा देती हैं। बताया जाता है कि एसईसीएल की सुराकछार साइडिंग से प्रतिदिन १५ से २० टन कोयले की चोरी गिरोह करता है। इसकी जानकारी एसईसीएल प्रबंधन और पुलिस को भी है। लेकिन दोनों ही विभाग चोरी को रोकने में सफल नहीं हुए हैं।

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वहीं कोल वॉशरी का कोयला निजी डिपो में बेचने के आरोप में एक ड्राइवर के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। पुलिस ने बताया कि रिपोर्ट सिंधु ट्रेड लिंक के सुपरवाइजर ने लिखाई है। इसमें बताया गया है कि ट्रेलर सीजी १२ एआर 7479 पर मारुति कोल वाशरी से गोदावरी इस्पात प्लांट के लिए कोयला भेजा गया था। ट्रेलर लेकर ड्राइवर शंभू सिंह प्लांट के लिए निकला था।

ड्राइवर ने शाम करीब ५.३० बजे तक ट्रेलर को सिरकी मोड़ पर खड़ी करके रखा। शाम को ट्रेलर लेकर निकला। रास्ते में रतनपुर के पास कोयले को एक डिपो में अनलोड कर दिया। वहां से खराब कोयला एवं पत्थर ट्रेलर में लोड कर गोदावरी पावर प्लांट पहुंचा। प्लांट के कर्मचारियों ने कोयले को चेक किया। इसमें खराब कोयला होना पाया। ट्रेलर में लगे जीपीसी की जांच की गई। इसमें गाड़ी को डिपो में होना पाया गया। कंपनी की ओर से घटना की रिपोर्ट दीपका थाने में दर्ज कराई। पुलिस केस दर्ज कर जांच कर रही है।