
जन एजेंडा 2018-23 : महिलाओं ने बिजली, स्वास्थ्य व शिक्षा को मुद्दे में किया शामिल, इस समस्याओं पर दिया जोर
कोरबा. पत्रिका चेंजमेेंकर अभियान अंतर्गत जन एजेंडा 2018-23 में महिलाओं की बैठक की गई। बैठक रवि शंकर नगर, कपिलेश्वर मंदिर में कपिलेश्वर महिला मंडल की महिलाएं शामिल हुई। चर्चा के दौरान महिलाओं ने बिजली, महिलाओं के स्वास्थ्य, शिक्षा से जुड़ी मूलभूत आवश्यकताएं एवं समस्याएं को एजेंडा में शामिल किया।
चर्चा के दौरान महिलाओं ने बिजली, पानी, स्वास्थ्य और शिक्षा उनकी सबसे प्रमुख मुद्दा रही। महिलाओं ने बताया कि ऊर्जाधानी शहर में बिजली की आंख-मिचौली से जनता परेशान है। विद्युत वितरण में प्रदेश व देश में झंडा गाड़ रही है, लेकिन शहर की बिजली व्यवस्था ठप हो गई है। हल्की हवा या बारिश की फुहार से ही बिजली गुल हो जाती है। हवा और पानी थमने के बाद भी घंटो बिजली गुल रहती है। शिकायत पर समस्या का निराकरण नहीं होता है।
इसके बाद जन एजेंडा चर्चा में स्वास्थ्य, सुरक्षा और शिक्षा पर अपनी बाते रखीं। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य केन्द्रों में कर्मचारी या डॉक्टर नहीं रहते हैं। खासकर रात्रि के समय सुविधाएं नहीं मिलती है। इस पर सरकार को ध्यान देने की आवश्यकता है। महिलाओं की सुरक्षा पर जो अनेको कदम उठाए हैं, जैसे बालिकाओं को सुरक्षा को लेकर प्रशिक्षण देना, कानून बनाए गए। इस पर महिलाएं कुछ सुरक्षित महससू कर रही हंै। वहीं सरकार की सफल योजनाओं को भी सराहा है।
इन्होंने ये कहा
-वर्तमान में स्वच्छता सबसे बड़ा मुद्दा है। इसे एजेंडे में शामिल करना चाहिए। जिससे शहर के हर-गली मोहल्ला स्वच्छ व साफ हो सके। सोना दुबे, महिला मंडल सदस्य
-महिलाएं व बालिकाएं रात के समय निकलने में असुरक्षित महसूस करती हंै। यह देश, प्रदेश व समाज का प्रमुख समस्या बनी हुई है। मीनू शर्मा,
ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों की शिक्षा प्रमुख विषय होना चाहिए। गांव के समीप स्कूल नहीं होने से अपनी शिक्षा पूरी नहीं कर पाते हैं। ममता मिश्रा,
-शिकायत पर समस्या का त्वरित निराकरण हो। सरकार ऐसे ऐजेंडा तैयार करना चाहिए। ताकि जनता का प्रतिनिधि पर विश्वास हो सके। संध्या सिन्हा,
- चुनाव के दौरान प्रतिनिधि बड़े-बड़े दावे करते हैं, लेकिन चुनाव जीतने के बाद जनता को भूल जाते हैं। हमें वादा पूरा करने वाले प्रतिनिधि चाहिए। आशा पांडे,
- शहर के ज्यादातर सड़कें बदहाल हो गई है। सड़कों के गुणवत्तहीन कार्य के कारण उखड़ जाती है। बदहाल से दुर्घटनाएं बढ़ रही है। सुधा झा,
- योजनाओं पर गुणवत्तापूर्ण कार्य होना चाहिए। योजनाएं प्रारंभ करने के बाद केवल औपचारिकताएं पूरी होती है। इससे परेशानी और बढ़ जाती है। नेहा सिन्हा
Published on:
28 Sept 2018 09:17 pm
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