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केंदई और विजयडांड में जमीन धंसी, खदान से प्रभावित है क्षेत्र

एसईसीएल की रानी अटारी खदान आसपास रहने वाले ग्रामीणों के लिए परेशानी का कारण बन गई है। खदान की जमीन धंसने से क्षेत्र में दरार पड़ रही है।

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केंदई और विजयडांड में जमीन धंसी, खदान से प्रभावित है क्षेत्र

केंदई और विजयडांड में जमीन धंसी, खदान से प्रभावित है क्षेत्र


इससे ग्रामीण डरे हुए हैं। उन्हें अनहोनी की आशंका सता रही है। विकासखंड पोड़ी पोड़ीउपरोड़ा अंतर्गत कोरबी चौकी क्षेत्र में एसईसीएल की रानी अटारी खदान है। खदान से कोयला खनन हो रहा है। खदान का विस्तार ग्राम पुटीपखना के आसपास भी है। वर्तमान में कंपनी खदान के एक हिस्से को बंद कर रही है। वहां से पीछे हट रही है। इसी कड़ी में अंडर ग्राउंड खदान के भीतर स्थित पीलर को तोड़ रही है। जमीन के अंदर कोयले की पीलर टूटने से आसपास की जमीन धंस रही है। मंगलवार को ग्राम केंदई और विजय डांड के आसपास की जमीन धंस गई। गांव में रहने वाले चन्द्र प्रताप पोर्ते ने बताया कि मंगलवार को विजय वेस्ट खदान क्षेत्र में ग्राम केंदई और विजय डांड के बीच स्थित एक बड़ा भू- भाग नीचे धंस गया।

200 से 300 मीटर के दायरे में लंबा धंसान हुआ है। कई जगह पर मिट्टी सात से 10 मीटर तक धंस गई है। इससे घटना की आशंका बनी हुई है। पोर्ते ने बताया कि गांव के मवेशी जंगल की ओर चरने जाते हैं। अलग कोई मवेशी धंसान में गिर गया तो उसे बाहर निकाल पाना मुश्किल होगा।

भू धंसान के मामले कोरबा एरिया के अंतर्गत संचालित बल्गी और सुराकछार क्षेत्र में भी आए हैं। हालांकि ये मामले पहले के हैं। धंसान से प्रभावित किसान इसकी भरपाई की मांग को लेकर लगातार प्रबंधन पर दबाव डाल रहे हैं। इसके लिए आंदोलन चला रहे हैं। प्रभावित लोगों ने 9 फरवरी को फिर कोरबा एरिया मुख्यालय घेरने का नोटिस थमाया है।

उनका कहना है कि भू धंसान के कारण वर्ष 2009 से कई किसानों की जमीन पर खेती नहीं हो पा रही है। इसकी भरपाई को लेकर एसईसीएल प्रबंधन ने वर्ष 2019-20 में प्रभावित किसानों को मुआवजा दिया था। इसके बाद अभी किसानों को मुआवजा नहीं मिला है। 2020-21 से 2022-23 तक का मुआवजा पाने के लिए किसान परेशान हैं। इसके लिए कई बार कटघोरा एसडीएम और एसईसीएल प्रबंधन से मिल चुके हैं। अभी तक समस्या का समाधान नहीं हुआ है।


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