इसके विरुद्ध दोषियों ने अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (एसटी/एससी) की अदालत में अपील की थी। गुरु़वार को डॉ. मखिजा और मनीराम की अपील पर सुनवाई हुई। कोर्ट ने अभियोजन और बचाव की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुनाया। माखीजा और मनीराम की अपील को खारिज कर दिया। गुरुवार देर शाम उन्हें पुलिस की अभिरक्षा में जेल पहुंचाया गया। माखीजा को जेल की बैरक नंबर सात में रखा गया है। जेल के सूत्रों ने बताया कि जेल में डॉ. माखिजा का स्वास्थ्य सामान्य है।
सोशल प्राइड : जरूरतमंदों की मदद के लिए दान किए नवदंपति ने शगुन में मिले तीस हजार रुपए इंजेक्शन लगाने से दो बच्चों की मौत का मामला
मामला 12 साल पुराना है। विकासखंड करतला के गांव खोलबहरा में रहने वाली पुष्पलता और बुधवारा बाई २७ अक्टूबर, २००६ को दो बच्चों गौरी शंकर व उमा शंकर का इलाज कराने ग्राम तिलकेजा के प्राथमिक अस्पताल गई थी। बच्चों को खुजली और बुखार था। बच्चों को इंजेक्शन लगाया गया था। इसके १० मिनट बाद गौरीशंकर और उमाशंकर तड़पने लगे थे। दोनों बच्चों की मौत हो गई थी।
पुलिस ने मर्ग कामय कर जांच की थी। इंजेक्शन की शीशी को जब्त किया था। इसमें बच्चों को जेंटा मायसिन का इंजेक्शन लगाने की पुष्टि हुई थी। शव की पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने तिलकेजा में पदस्थ ड्रेसर निरंजन कुमार हलधर और डॉट्स कार्यकर्ता मनीराम को आरोपी बनाया था। उनके खिलाफ आईपीसी की धारा ३०४ ए (गैर इरादत हत्या) का केस दर्ज किया गया था।