
स्मार्ट कार्ड से नहीं मिल रहा इलाज, क्या आम लोगों से छिन जाएगी ये सुविधा, पढि़ए पूरी खबर...
कोरबा. गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले आम लोगों को पांच लाख तक का नि:शुल्क इलाज आयुष्मान योजना का जिले में बुरा हाल है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा व मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत जारी किए गए स्मार्ट कार्ड तो लोगों के पास हैं लेकिन इनसे भी अब इलाज नहीं मिल रहा है।
दरअसल स्मार्ट कार्ड धारक हितग्राहियों को आयुष्मान योजना का लाभ दिए जाने का प्रावधान है, लेकिन निजी अस्पतालों और सरकार के बीच ठना-ठनी का खामियाजा हितग्राहियों को भुगतना पड़ रहा है। स्मार्ट कार्ड का भुगतान लंबित होने की बात कहकर पांच लाख तो क्या निजी अस्पताल ५० हजार रूपए तक का इलाज भी जरूरतमंद मरीजों को देने को तैयार नहीं हैं। जबकि आयुष्मान योजना के जटिला सॉफ्टवेयर व प्रक्रिया का हवाला देकर आईएमए ने इस योजना को स्वीकार नहीं करने का आह्वान किया है। इसके कारण इन दिनों इलाज के लिए अस्पताल पहुंच रहे हितग्राहियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
आयुष्मान योजना का शुभारंभ होते ही जिले में सीमित अस्पतालों में ही सुविधा मिल रही है। केन्द्र सरकार द्वारा प्रेषित आंकड़ों के अनुसार जिले के निजी अस्पतालों में आठ अक्टूबर तक की स्थिति में ३०९ हितग्राहियों को योजना का लाभ दिया जा चुका है। जबकि जिला असपताल में इसी अवधि में १०९ हितग्राहियों को आयुष्मान योजना का लाभ मिला है।
इन अस्पतालों में योजना का लाभ नहीं
जिले के न्यू कोरबा हॉस्पिटल, थवाईत नर्सिंग होम, जेपी सर्जीकल, सर्वमंगला प्रसूति गृह, जीवन आशा सहित कुछ अन्य बड़े अस्पतालों ने स्मार्ट कार्ड व आयुष्मान दोनों ही योजनाओं से इलाज बंद कर दिया है। इससे मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
इन अस्पतालों में इलाज जारी
वर्तमान में ट्रामा सेंटर, आयुष्मान नर्सिंग होम- बालको के साथ ही प्रसाद व गणेश विनायक नेत्र चिकित्सालयों में आयुष्मान योजना के तहत इजाल मिल रहा है। जबकि कोसाबाड़ी चौक स्थित गीता देवी मेमोरियल, सिंह नर्सिंग होम व बालको हॉस्पिटल के आईडी व पासवर्ड शीघ्र ही जारी कर दिए जाएंगे। इसके बाद इन तीन अस्पतालों में भी आयुष्मान योजना के तह इलाज की सुविधा हितग्राहियों को मिलेगी।
-स्मार्ट कार्ड से इलाज बंद हो चुका है, लेकिन अस्पतालों ने जो काम किया है, उसकी राशि अब तक लंबित है। आयुष्मान योजना की प्रक्रिया बेहद जटिल है। सारी जानकारी स्वयं डॉक्टर द्वारा भरने का नियम है। योजना का सॉफ्टवेयर भी ठीक काम नहीं करता। -डॉ मंजुला साहू, सचिव आईएमए
-स्मार्ट कार्ड से इलाज बंद नहीं है, लेकिन अस्पतालों का क्लेम लंबित होने के कारण वह इलाज नहीं कर रहे हैं। आयुष्मान योजना पर भी आईएमए ने रोक लगा दी है। इसलिए हितग्राहियों को परेशानी हो रही है। हालांकि कुछ अस्पतालों में इलाज जारी है।
शिव राठौर, डिस्ट्रिक्ट कंसल्टेंट, आयुष्मान योजना
Published on:
12 Oct 2018 10:45 am
बड़ी खबरें
View Allकोरबा
छत्तीसगढ़
ट्रेंडिंग
