कोरबा. भाजपा प्रवेश के बाद पहली बार कोरबा पहुंचे उइके ने प्रेसवार्ता में कहा प्रदेश में कांग्रेस शुरू से ही आदिवासी नेताओं को दबाने में लगी है। जब अजीत जोगी जैसे नेता को कांग्रेसी बर्दाशत नहीं कर सके, तो मुझे कैसे आगे बढऩे देते।
उइके ने डॉ. भंवर सिंह पोर्ते, अरविंद नेताम, श्यामलाल मरावी का नाम लेते हुए कहा कि जब-जब आदिवासी नेता का कद बढ़ता गया तब-जब कांग्रेस के नेताओं ने उनको दबाने का प्रयास किया। अजीत जोगी के लिए अपनी सीट छोडऩे पर उइके ने कहा कि वे शुरू से ही विकास को महत्व देेते आए हैं। अब भाजपा में प्रवेश के पीछे भी यह एक वजह है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सीडी बनाकर महिलाओं को बदनाम कर रहे हैं। ऐसे नेताओं को पार्टी से बाहर निकालने के लिए लिखित और मौखिक मांग राहुल गांधी से की गई थी। राहुल गांधी से वन टू वन मिलकर मैंने हटाने की मांग की थी। उइके ने एक सवाल के जवाब में यह भी कहा कि अगर भूपेश बघेल को पद से हटा दिया जाता तो भाजपा में वापस नहीं आते। उनके साथ सांसद डॉ. बंशीलाल महतो, श्यामलाल मरावी, महामंत्री तरूण मिश्रा, संजय भावनानी भी उपस्थित रहे।
महंत और जयसिंह ने उषा तिवारी की वापसी कराई, लेकिन केदार की नहीं, यही बनी पहली वजह
उइके ने चरणदास महंत और कोरबा विधायक जयसिंह अग्रवाल पर एक दिन पहले आरोप लगाया था। इस सवाल पर उइके ने बताया कि चरणदास मंहत और कोरबा विधायक जयसिंह अग्रवाल २००३ से मुझे परेशान कर रहे हैं। महापौर के खिलाफ निर्दलीय उतरने वाली उषा तिवारी को शामिल कर जिलाध्यक्ष बना दिया गया, लेकिन मेरे कई कार्यकर्ता केदार, कमल, माखन सिंह सहित अन्य को पार्टी में शामिल नहीं किया गया। यहां तक पर्यवेक्षकों के सामने ऐसे कार्यकर्ता जो जोगी कंाग्रेस में जा चुके हैं उनको कांग्रेस का टोपी पहनाकर मेरे खिलाफ नारेबाजी करवाई गई।
एक भी सीट नहींं फिर भी गोंगपा से गठबंधन की कोशिश, ताकि मैं मरवाही से हार जांऊ
गोंगपा के पास एक भी सीट नहीं है। अब तक के दो चुनाव में गोंगपा से गठबंधन की कोई कोशिश नहीं की गई, लेकिन इस बार ऐसी क्या जरूरत पड़ गई कि मुझे मरवाही भेजकर गोंगपा के हीरासिंह मरकाम को पाली तानाखार से चुनाव लड़ाने की तैयारी थी। उइके ने कहा कांग्रेस के कई नेता मुझे जोगी से लड़वाकर हरवाना चाहते थे।