स्थानीय निवासी बादल नायक ने बताया कि खसरा नं. ४५५ की करीब १२ बीघा सरकारी भूमि न्यास ने अपने कब्जे में ले ली। जिस समय जमीन कब्जे में ली तब तक करीब १० बीघा में मकान बन चुके थे। शेष २ बीघा जमीन पर न्यास ने अपनी सम्पत्ति का बोर्ड लगा दिया। इसके बाद न्यास ने इसकी सुध नहीं ली। आसपास के खातेदार बाड़े बनाकर अतिक्रमण करने में लगे हैं। न्यास ने ध्यान नहीं दिया तो शेष भूमि पर भी जल्द अतिक्रमण हो जाएंगे।
स्थानीय निवासी प्रेम सैनी, अजय नायक व पप्पू सैनी ने बताया कि न्यास की खाली जमीन पर झाडिय़ां व घासफूस उगी हुई है। इसमें कीचड़ फैला है। जिसमें सांप व बिच्छू बड़ी संख्या में है जो निकलकर घरों में घुस जाते हैं। कई बार सफाई के लिए लिखित में न्यास सचिव से लेकर अध्यक्ष को दे चुके, लेकिन सफाई तो दूर अधिकारी सुध तक नहीं लेते।
ग्रामीणों ने बताया कि गांव में सामुदायिक भवन नहीं है। न्यास यहां सामुदायिक भवन बनवा दे तो ग्रामीणों को काफी सहुलियत होगी। ग्रामीणों ने न्यास अध्यक्ष, सचिव, सरपंच व ग्राम पंचायत सचिव से कई बार मांग की।
– न्यास की सम्पत्ति पर अगर किसी ने अतिक्रमण करना शुरू कर दिया है तो मौका दिखवाकर हटा दिया जाएगा। – भवानी सिंह पालावत, सचिव, नगर विकास न्यास कोटा।