scriptCity Pride: हर तकलीफ से लड़ कर करते है दूसरों की मदद, मरीजों के मसीहा बने सोनी | Help patients in MBS | Patrika News
कोटा

City Pride: हर तकलीफ से लड़ कर करते है दूसरों की मदद, मरीजों के मसीहा बने सोनी

बच्चों को खुशियां देने वाले सांता तो क्रिसमस पर मिल जाएंगे, लेकिन सालों से निस्वार्थ भाव से लोगों का दुख-दर्द बांटने वाले सांता भी शहर में हैं।

कोटाDec 21, 2017 / 11:56 am

ritu shrivastav

City Pride, Christmas, Santa, Inspirational, MBS Hospital, Patients Help, Doctor, Motivation, Paralysis, Kota, Kota Patrika, Kota Patrika News, Rajasthan Patrika

विजयकुमार सोनी

कोटा . ऐसे ही एक सांता हैं सराय कायस्थान लालबुर्ज निवासी विजयकुमार सोनी, जो एमबीएस चिकित्सालय में मरीजों का दर्द बांट रहे हैं। सोनी पिछले 10 साल से एमबीएस में एक ही पिलर के सहारे खडे़ होकर मरीज का हाल पूछते हैं। चिकित्सक को दिखाना, भर्ती कराना और जरूरत होने पर जेब से दवा भी दिलाते हैं। सुबह 9 से शाम 6 बजे तक वे एमबीएस में रहकर सेवा करते हैं। सोनी का कहना है कि वे दिन में करीब 20 से 25 रोगियों की हरसंभव मदद करते हैं। सभी का नाम, पता, बीमारी और वापस आने की तारीख एक कागज में नोट करते है। उसके बाद घर जाकर रजिस्टर में एंटी करते हैं। 2006 से वह ये कार्य नियमित करते हैं। अब तक 70 हजार से अधिक की मदद कर चुके हैं। जिला प्रशासन ने गणतंत्र दिवस पर सम्मानित भी किया था।
यह भी पढ़ें

City Pride: शहर की सड़कों में भी घूम रहे हैं सांता…और कर रहे ये

काम

पत्नी से मिली प्रेरणा

विजय सोनी बताते हैं कि पत्नी सावित्री देवी की 2009 में एमबीएस के स्ट्रॉक यूनिट में मौत हो गई थी, उन्हें पैरालाइसिस था। डेढ़ साल तक पलंग पर ही रही, जिसकी सेवा की। पहले पत्नी की सेवा करता, बाद में एमबीएस में मरीजों की सहायता करने आता। उसके बाद इसे जीवन का लक्ष्य बना लिया। अब पूरा दिन एमबीएस में ही बिताता हूं।
यह भी पढ़ें

नगर निगम को नजर आ गर्इ कोटा की खुदी सड़कें, कर डाला ये कारनामा

दो लड़के, दोनों को पैरालाइसिस

विजय सोनी के 7 बच्चे हैं जिसमें 6 लड़कियां, जिनकी शादी कर चुके हैं। दो लड़के हैं, दोनो पैरालाइसिस से पीडि़त। बड़ा लड़का अमित सोनी (38) जिसका एक हाथ व एक पैर खराब है। छोटा बेटा विष्णु (28) जो घर पर ही रहता है। उसके सिर का काफी हिस्सा खराब है। सोनी पहले इन बच्चों के लिए खाना बनाते हैं और इनकी आवश्यकताओं की पूर्ति कर एमबीएस चले जाते हैं। शाम को वापस आकर दोनों के लिए फिर से खाना बनाते हैं, सुबह जल्दी उठकर इनके कपडे़ धोने सहित अन्य कार्य करते हैं।
यह भी पढ़ें

चिकित्सकों की हड़ताल का अब नहीं पड़ेगा शहर पर असर, प्रशासन हुआ अलर्ट

फैमिली फीलिंग

पुत्र अमित सोनी ने कहा कि पिताजी हर कार्य छोड़ सकते हैं लेकिन एमबीएस जाना नहीं। वह कहते हैं, जीवन में दूसरों के काम आओ। लोग छोटी सी समस्या से आत्महत्या कर लेते हैं, लेकिन उन्होंने परेशानियों में भी हौसला नहीं हारा। दोनों भाई पैरालाइसिस हैं, हमें भी हिम्मत दी और दूसरों को भी जीवन जीने का हौसला दे रहे हैं।

Home / Kota / City Pride: हर तकलीफ से लड़ कर करते है दूसरों की मदद, मरीजों के मसीहा बने सोनी

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो