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मांडवा थाना क्षेत्र की जूनापादर पंचायत में वन भूमि पर कब्जे को लेकर झगड़े में फायरिंग से मौत के बाद शुक्रवार को 300 से ज्यादा आदिवासी हथियार लेकर मौताणा लेने आ धमके। इनकी बातचीत किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पाई।
घटना के दूसरे दिन हालात को देखते हुए कोटड़ा उपखण्ड अधिकारी गोपाललाल मीणा, तहसीलदार राजेन्द्रसिंह शेखावत, डीएसपी अमृत लाल चार थानों के जाप्ते सहित सुबह से मौके पर रहे। एहतियात के दौर पर पुलिस के 20 जवानों को जूड़ा चौकी पर तैनात रखा गया। शाम करीब 4 बजे बूझा व गूणभाखरी (गुजरात) से 10 जीपों व मोटरसाइकिलों पर हथियारबंद 300 ग्रामीण मृतक भूरा पुत्र केसरा के घर की ओर चल पड़े। पुलिस ने इनके हथियार जूड़ा चौकी पर ही रखवा दिए।
शाम को रिश्तेदारों के जूनापादर पहुंचने पर मुर्दाघर में रखे शव के अंतिम संस्कार को लेकर चर्चा शुरू हुई। हालांकि खबर लिखे जाने तक कोई नतीजा नहीं निकल पाया। इस दौरान कोटड़ा थानाधिकारी रणजीतसिंह चौहान, बेकरिया थानाधिकारी सुनील शर्मा, पानरवा थानाधिकारी भंवरलाल, माण्डवा थानाधिकारी मुकेशकुमार भी जाप्ता लेकर मौजूद रहे।
यह था मामला
जूनापादर पंचायत की पहाडिय़ों की बीच वन विभाग की जमीन पर दो पक्ष अपना अधिकार जता रहे थे। इस पर गुरुवार को विवाद हो गया। आदिवासियों ने फायरिंग भी की, जिसमें भूरा की मौत हो गई थी, जबकि पत्थर व छर्रे लगने से एक महिला सहित चार लोग घायल हो गए थे। हमलावरों ने पहाड़ी पर बने कुछ झोपड़े भी फूंक दिए थे और फसल बर्बाद कर दी थी।
Published on:
10 Sept 2016 02:22 pm
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