
धनु राशि में गुरु, शनि व केतु की तिकड़ी से होगा भाग्योदय, रुके काम बनेंगे
कोटा . देव गुरु बृहस्पति 4 नवम्बर शाम 7.18 बजे अपनी मूल त्रिकोण राशि धनु में प्रवेश करेंगे। देव गुरु बृहस्पति को महत्वपूर्ण ग्रह माना जाता है। दिसम्बर 1722 के 297 सालों बाद गुरु, शनि केतु की युति होने जा रही है। इसलिए ज्योतिष शास्त्र में इस घटना को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। ज्योतिषाचार्य अमित जैन ने बताया कि बृहस्पति के धनु राशि में प्रवेश के समय एक अन्य महत्वपूर्ण ग्रह शनि भी धनु राशि में रहेंगे। यह स्थिति 24 जनवरी 2020 तक उस समय तक बनी रहेगी। जब तक शनि अपनी स्व राशि मकर में प्रवेश नहीं कर जाते हैं। इस तरह लगभग 3 महीने तक बृहस्पति तथा शनि केतु की युति धनु राशि में रहेगी।
ये फेरबदल देखने को मिलेंगे
जैन ने बताया कि गुरु के काल खंड में वक्रीय तथा मार्गीय गति के समय व्यापार.व्यवसाय, सोना, तांबा व सरसों व सोयाबीन में तेजी-मंदी का वातावरण रहेगा। देशहित मेंं पुराने धार्मिक विवाद सुलझेगे। भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए भारी सिद्ध हो सकती है। मंगल भूमि पुत्र हैं इसलिए इस संचार के कारण रियल एस्टेट का कारोबार उछल सकता है। केन्द्र में सत्ताधारी पार्टी की कार्यप्रणाली में महत्वपूर्ण फेरबदल देखने को मिलेंगे।
राशियों पर यह प्रभाव
मेष- भाग्योदय होगा।
वृषभ- रोग, पीड़ा धन खर्च
मिथुन- नौकरी व्यापार में लाभ
कर्क- अचानक धन लाभ, प्रमोशन।
सिंह- नई जिम्मेदारी मिलेगी
कन्या- मन धर्म की ओर अग्रसर होगा।
तुला- प्रतिष्ठा व आजीविका में वृद्धि।
वृश्चिक- धन लाभ, मकान बनेगा
धनु- रुके काम बनेंगे।
मकर- परिवार में मांगलिक कार्य होगा।
कुंभ- भौतिक संसाधनों में वृद्धि होगी।
मीन- आत्मविश्वास में वृद्धि होगी।
Published on:
19 Oct 2019 06:02 pm
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