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कोटा

सहकारियों को नहीं मिला माफी का पैसा, किसानों के खाते में कर्ज अब भी ड्यू

अब जब किसान सहकारियों में नो-ड्यूज लेने जा रहे हैं तो सहकारी व्यवस्थापक कह रहे हैं कि अभी किसानों के खाते में राशि बकाया चल रही है।

कोटाMar 26, 2019 / 01:10 am

Dhitendra Kumar

kota

सहकारियों को नहीं मिला माफी का पैसा, किसानों के खाते में कर्ज अब भी ड्यू

कोटा.

राज्य सरकार ने किसानों का सहकारी ऋण भले ही माफ कर दिया। ऋण माफी प्रमाण-पत्र भी बांट दिए गए। लेकिन, इसके बाद भी किसानों को सहकारियों से नो-ड्यूज नहीं मिल पा रहे हैं।
जिले के मोईकलां क्षेत्र के किसानों ने बताया कि उन्होंने अपनी-अपनी सहकारियों से फसली ऋण लिया था। सरकार ने पूर्व घोषणा पर अमल करते हुए सहकारियों का ऋण भी माफ कर दिया। शिविर लगाकर किसानों को प्रमाण-पत्र वितरित कर दिए गए। प्रमाण-पत्र मिलने के एक माह बाद अब जब किसान सहकारियों में नो-ड्यूज लेने जा रहे हैं तो सहकारी व्यवस्थापक कह रहे हैं कि अभी किसानों के खाते में राशि बकाया चल रही है। सरकार ने सिर्फ घोषणा कर प्रमाण-पत्र वितरित किए। ऐसे में जब तक किसानों का खाता ‘निलÓ नहीं हो जाता यानी ऋण माफी का पैसा प्राप्त नहीं हो जाता , तब तक ‘नो-ड्यूजÓ नहीं दिया जा सकता। किसान बनवारी सोनी, देवेन्द्र शर्मा, बनवारी शर्मा, गोविन्द सुमन ने बताया कि सहकारी व्यवस्थापक एक ही शर्त पर ‘नो-ड्यूजÓ देने को तैयार हो रहे कि पहले किसान खाते में बकाया राशि जमा कराए फिर अनापत्ति प्रमाण-पत्र मांगे।
तभी करेंगे जारी
इधर, को-ऑपरेटिव बैंक बपावर के शाखा प्रबंधक साहब लाल सैन का भी कहना है कि अभी तक सहकारियों में ऋण माफी का पैसा नहीं आया है। जब तक ऋण माफी का पैसा किसान के खाते में जमा नहीं हो जाता, ‘नो-ड्यूजÓ नहीं दिया जा सकता। खाता जिस समय निल हो जाएगा, ‘नो-ड्यूजÓ जारी कर देंगे।
इधर, अब चनाके लिए नहीं हो पा रहा पंजीयन
अब बात समर्थन मूलय पर खरीद की। जनाब, सांगोद तहसील में सरसों बिक्री के लिए किसान ऑनलाइन आवेदन नहीं कर पा रहे थे। जैसे-तैसे सरसों के लिए आवेदन शुरू हुआ तो अब चने के लिए आवेदन नहीं हो पा रहे। बपावर के किसान जयसिंह मीणा, खडिय़ा के मेघराज नागर, प्रहलाद सुमन, उमरदा के पप्पू मेहता ने बताया कि 13 दिन पूर्व सिर्फ एक दिन चना ब्रिकी के लिए नाम मात्र के किसानों का ऑनलाइन आवेदन हुआ था। इसके अगले दिन से खरीद केन्द्र की क्षमता फुल बताई जा रही है। किसान हर दिन उम्मीद से ईमित्र केन्द्र पर जाता है और मन मारकर घर आ रहा है। किसानों का कहना है कि अब भी समय है चना खरीद के लिए राजफैड को जयपुर बातकर वेबसाइट शुरू कराना चाहिए। इस मामले में सांगोद एसडीएम कमल सिंह यादव चने की बिक्री के लिए किसान ऑनलाइन आवेदन नहीं कर पा रहे हैं, ऐसी शिकायत सामने आई है। इस बारे में जयपुर बात की जाएगी।

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