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कोटा

सर्दी में कहर बरपाने वाला घातक वायरस भीषण गर्मी में भी क्यों है जिंदा, पढि़ए खास रिपोर्ट…

सर्दी के मौसम में सक्रिय होने वाले इस वायरस का भीषण गर्मी में भी सक्रिय होना चिकित्सकों को हैरान कर रहा है। पढि़ए, कैसे जि‍ंदा है यह वायरस…

कोटाMay 01, 2019 / 11:40 am

​Zuber Khan

swine flu outbreak

सर्दी में कहर बरपाने वाला घातक वायरस भीषण गर्मी में भी क्यों है जिंदा, पढि़ए खास रिपोर्ट…

कोटा. गर्मी के तीखे तेवर के बीच हाड़ौती में swine flu का कहर जानलेवा साबित हो रहा है। सर्दी के मौसम में सक्रिय होने वाले Swine flu virus का भीषण गर्मी में भी सक्रिय होना चिकित्सकों को हैरान कर रहा है। अब swine flu ने अपना स्ट्रेन बदला है। डब्ल्यूएचओ द्वारा जारी रिपोर्ट के मुताबिक इस बार ब्रिस्बेन वायरस ( Brisbane virus ) अटैक कर रहा है। विषय विशेषज्ञ चिकित्सक इसकी मारक क्षमता थोड़ी कमजोर बता रहे है, लेकिन आंकड़ों को देखकर एेसा नहीं लगता है। कोटा के अस्पतालों में इस वायरस से 120 दिनों में 24 मौत हो चुकी है। आखिर क्या वजह है कि भीषण गर्मी में भी यह वायरस जिंदा है। आइए जानते हैं मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभाग के आचार्य डॉ. मनोज सालूजा से…
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1. वायरस का स्ट्रेन नया है। जिसमें तेजी से रेप्लीकेशन होता है। इससे वायरस में जीन में उत्परिवर्तन की संभावना बढ़ जाती है। संभवत: इसी कारण वायरस के बाहरी आवरण में बदलाव आने से उसकी तापमान पर जीवित रहने की क्षमता विकसित हो गई है।

2. यदि तापमान अधिक है, लेकिन वातावरण में आद्र्रता में कमी है। शुष्क वातावरण में ड्रॉपलेट मरीज के खांसने व छींकने से फैलती है। उनमें लक्षण घट जाते हैं और वायरस अधिक समय तक जीवित बच जाता है। यह ड्रॉपलेट किसी वस्तु जैसे दरवाजा, रेलिंग आदि पर लम्बा समय रह सकती है और संक्रमण फैला सकती है।
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3. उत्तरी व दक्षिण गोलाद्र्ध में सर्दी की ऋतु अलग-अलग समय पर होती है। अभी अप्रेल से जून में दक्षिण गोलाद्र्ध के देशों आस्ट्रेलिया में सर्दी का मौसम है और इंफ्लूएंजा का प्रकोप जारी है। एेसे में यदि कोई व्यक्ति इन देशों की यात्रा करता है तो वहां से संक्रमण भारत ला सकता है। इससे यहां भी रोगी मिल सकते हैं।
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4. पूर्व में हुए इंफ्लूएंजा के एेपिडेमिक के अध्ययन में पाया गया है कि प्राय: एक ठंडा व शुष्क मौसम प्रत्येक एेपिडेमिक से पूर्व होता है। इस वर्ष हमारे यहां भी सर्दी का मौसम लम्बा मार्च तक चला।

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