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Mukundra Tiger Reserve.. टी-110 ही होगा मुकुंदरा का नया राजा

वन विभाग ने देवपुरा नाके पर बाघ को किया ट्रेंकुलाइज

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Mukundra Tiger Reserve..राजस्थान में टी-110 ही होगा मुकुंदरा का नया राजा

Mukundra Tiger Reserve..राजस्थान में टी-110 ही होगा मुकुंदरा का नया राजा

कोटा, आखिरकार कोटा के मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व को नया बाघ मिल ही गया। रणथम्भौर का टी-110 ही मुकुंदरा का नया ‘राजा’ होगा। इसके लिए वन विभाग की टीम ने गुरुवार सुबह फलौदी रेंज के देवपुरा नाके पर सुबह करीब सवा ग्यारह बजे बाघ को ट्रेंकुलाइज किया। टीम बाघ को स्ट्रेचर पर नीचे लेकर आई। इसके बाद पशु चिकित्सकों के दल ने देवपुरा नाके पर बाघ का स्वास्थ्य परीक्षण किया।

रेडियो कॉलर लगाकर किया रवाना

बाघ के बेहोश होने के बाद वन विभाग की टीम ने बाघ को रेडियो कॉलर लगाया। इसके बाद दोपहर करीब सवा बारह बजे बाघ को सडक़ मार्ग से कोटा के मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व के लिए रवाना किया गया। इस दौरान रणथम्भौर बाघ परियोजना के सीसीएफ सेडूराम यादव, मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व के सीसीएफ शैलेन्द्र प्रताप सिंह, रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व के उपवन संरक्षक संजीव शर्मा, पशु चिकित्सक डॉ. सीपी मीणा, फलौदी रेंज के क्षेत्रीय वन अधिकारी राजबहादुर मीणा आदि मौजूद थे।

दो अलग-अलग टीम कर रही थी दो अलग-अलग बाघों की तलाश

वन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार मुकुंदरा में बाघ शिफ्ट करने के लिए विभाग की ओर से युद्ध स्तर पर कार्य किया जा रहा था। इसके लिए विभाग की ओर से फलौदी रेंज में बाघ टी-110 और आरओपीटी रेंज में बाघ टी-123 को चिह्नित किया गया था। पूर्व में वन विभाग की ओर से लगातार बाघ टी-110 की ही ट्रेकिंग कराई जा रही थी, लेकिन बुधवार को विभाग की टीम ने आरओपीटी रेंज के गुढ़ा चौकी वन क्षेत्र में बाघ टी-123 को भी ट्रेंकुलाइज करने का प्रयास किया था। हालांकि, वन विभाग को सफलता नहीं मिल सकी थी।

15 दिन से वन विभाग को छका रहा था बाघ

पूर्व में वन विभाग की ओर से सरिस्का व मुकुंदरा भेजने के लिए बाघ टी-113 व बाघ टी-110 को चिह्नित किया गया था। इसके बाद वन विभाग ने 16 अक्टूबर को रणथम्भौर की तालड़ा रेंज से बाघ टी-113 को सरिस्का शिफ्ट किया था। तब से ही वन विभाग की ओर से कोटा के मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में बाघ भेजने के लिए रणथम्भौर की फलौदी रेंज के बाघ टी-110 की भी ट्रेकिंग कराई जा रही थी, लेकिन वन विभाग को सफलता नहीं मिल सकी थी।

यूं चला घटनाक्रम

8.30 मिनट पर वन विभाग की टीम जंगल में पहुंची
8.45 पर वन विभाग की टीम ने ट्रेकिंग शुरू की
2.5 घंटे तक वन विभाग की टीम ट्रेकिंग में जुटी रही
11.20 के आसपास बाघ को किया गया ट्रेंकुलाइज
11.32 पर बाघ के रेडियो कॉलर लगाने का काम हुआ शुरू
11.45 पर बाघ का किया स्वास्थ्य परीक्षण
12.00 बजे के आसपास बाघ को रिवाइवल दिया गया
12.20 के करीब बाघ को सडक़ मार्ग से मुकुंदरा के लिए किया रवाना