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कोटा

भामाशाहमंडी में हुई धान की बारिश

बेमौसम बारिश से फसल खराबे के चलते खरीफ फसलों का उत्पादन कम रहने की संभावना जताई जा रही थी। बावजूद फसल खराबे के मंडी में कृषि जिंसों की आवक पिछले वर्ष के मुकाबले ज्यादा रही।

कोटाDec 29, 2021 / 07:58 pm

Haboo Lal Sharma

60 प्रतिशत धान मध्यप्रदेश से आया

भामाशाहमंडी में हुई धान की बारिश

कोटा. बेमौसम बारिश से फसल खराबे के चलते खरीफ फसलों का उत्पादन कम रहने की संभावना जताई जा रही थी। बावजूद फसल खराबे के मंडी में कृषि जिंसों की आवक पिछले वर्ष के मुकाबले ज्यादा रही। भामाशाहमंडी में पिछले वर्ष के मुकाबले वर्ष 2021-22 में धान की आवक 6 लाख 43 हजार 143 क्विंटल से ज्यादा रही। धान की बम्पर आवक के चलते बार-बार मंडी को बंद करना पड़ा था। साथ ही पड़ौसी राज्यों के किसान भी धान को भामाशाहमंडी में ही ला रहे हैं।
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60 प्रतिशत धान मध्यप्रदेश से आया

कृषि उपज मंडी समिति सचिव एम.एल. जाटव ने बताया कि फसल खराबे का मंडी में कृषि जिंसों की आवक पर कोई असर नहीं पड़ता। भामाशाह कृषि उपज मंडी की विश्वसनीयता अच्छी है। इसी के चलते पड़ौसी राज्यों से किसान भी जिंस बेचने कोटा आ रहा है तो अन्य प्रदेशों का व्यापारी भी मंडी में खरीदारी करने आ रहा है। इस वर्ष कृषि जिंसों में धान की आवक सबसे ज्यादा रही। इसमें 40 प्रतिशत धान राजस्थान (हाड़़ौती सम्भाग) व 60 प्रतिशत धान की आवक मध्यप्रदेश से रही।
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धान की आवक इस प्रकार रही
माह वर्ष 2020 वर्ष 2021
नवम्बर 13,65,411 क्विं. 14,09,860 क्वि.
दिसम्बर 16,52,631 क्विं. 22,51,325 क्वि.

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राजस्व में आई कमी
सचिव जाटव ने बताया कि पहले मंडी शुल्क प्रति क्विंटल 1.60 रुपए था। जबकि पड़ौसी राज्य मध्यप्रदेश में मंडी शुल्क 1 रुपए प्रति क्विंटल ही था। राज्य सरकार ने मंडी शुल्क में समानता लाने के लिए मार्च 2021 में मंडी शुल्क को घटाकर पड़ोसी राज्यों की तरह 1 रुपया कर दिया। ऐसे में पिछले वर्ष के मुकाबले मंडी शुल्क की आय में थोड़ी कमी आई है। पिछले वर्ष मंडी शुल्क की आय के रूप में 10 करोड़ 5 लाख 33 हजार रुपए तथा इस वर्ष 9 करोड़ 69 लाख 11 हजार रुपए मंडी शुल्क की आय दिसम्बर माह तक हुई है।

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