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कोटा

रोजी बंद होने से रोटी का संकट, पलायन कर रहे हजारों मजदूर

कोटा में रहकर मजदूरी करने वाले दूसरे प्रदेशों के परिवारों पर संकट
 

कोटाMar 28, 2020 / 06:15 am

Deepak Sharma

रोजी बंद होने से रोटी का संकट, पलायन कर रहे हजारों मजदूर

रोजी बंद होने से रोटी का संकट, पलायन कर रहे हजारों मजदूर

कोटा. कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते कोटा में मजदूरी, हलवाई, दुकान, ठेला, खानाबदोश, निर्माण मजदूर समेत अन्य अपनी आजीविका चलाने वाले दूसरे प्रदेशों के हजारों लोग इस समय बेरोजगार हो गए हैं। खासकर मध्यम व गरीब तबके के परिवार ज्यादा प्रभावित हैं। ये मजदूर परिवार रोजाना कमाकर खाने वाले हंै। ऐसे में लॉकडाउन का सबसे खासा असर इन परिवारों पर पड़ा है। रोजी बंद होने से इनके सामने संकट खड़ा हो गया है। कई मजदूर परिवार पलायन कर चुके हैं।
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दुकानें खुलें तो बिके झाडू
प्रेमनगर तृतीय निवासी चिरोंजीलाल ने बताया कि वह व पत्नी झाडू बनाकर बाजार में बेचने का काम करते हंै, लेकिन पिछले कुछ दिन से बाजार बंद होने से उनके झाडू बिक नहीं रहे। ऐसे में परिवार चलाना मुश्किल हो रहा है। उत्तरप्रदेश निवासी चाट-पकौड़ी का ठेला लगाने वाले राजू ने बताया कि अब जमा पैसा भी खत्म होने लगा है। अब घर चलाने के लिए लोगों से कर्ज लेना पड़ेगा। होटल में रोटी-सब्जी बनाने वाले मनोज ने बताया कि होटल बंद होने से वह बेरोजगार हो गया है।
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फैक्ट फाइल
– कोटा में मजदूरों की संख्या 5 लाख
– कोटा में लगती हैं 20 मजदूर मंडियां
– 1 मजदूर मंडी में 500 मजदूर आते हैं
– निर्माण श्रमिक करीब 50 हजार
– भामाशाहमंडी में करीब 50 हजार हम्माल व चढ़ारियां
– पत्थर खदान श्रमिक 50 से 60 हजार
– माइंस फैक्ट्रियों में कार्यरत श्रमिक 50 हजार

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