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Anil Ambani का बढ़ा संकट, कर्ज वसूली के लिए SBI ने खटखटाया NCLT का दरवाजा

बैंक की मांग, Anil Ambani ने नेतृत्व वाली कंपनियों को जारी किए गए लोन की वसूली सुनिश्चित हो अंबानी के खिलाफ Insolvency Resolution Process के लिए बैंक ने प्रोफेशनल नियुक्त करने की मांग की

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Saurabh Sharma

Jun 12, 2020

Anil ambani

Anil Ambani increased crisis, SBI knocked on NCLT door to recover debt

नई दिल्ली। जहां एक और मुकेश अंबानी का कर्ज ( Mukesh Ambani Debt ) लगातार कम होता है, वहीं दूसरी ओर छोटे भाई अनिल अंबानी ( Anil Ambani ) के लिए कर्ज की वजह से मुसीबतों का पहाड़ और बड़ा होता जा रहा है। अब स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ( State Bank of India ) की ओर से एनसीएलटी ( NCLT ) में दरवाजा खटखटाकर कर्ज वसूली की मांग की है। साथ ही एसबीआई ( SBI ) ने अनिल अंबानी के खिलाफ इन्सॉल्वेंसी रिजॉलूशन प्रोसेस ( Insolvency Resolution Process ) के लिए प्रोफेशनल को नियुक्त करने की भी मांग की है। एसबीआई के अनुसार कर्ज के लिए अनिल अंबानी ने इस लोन के लिए पर्सनल गारंटी ( Personal Guarantee ) दी थी। एसबीआई ने यह कदम उस वक्त उठाया है, जब तीन चीनी बैंकों की ओर से यूके कोर्ट में पर्सनल गारंटी को लेकर गई थी। जिसमें कोर्ट ने अनिल अंबानी को रकम चुकाने को कहा था।

इन धाराओं में दायर किया केस
एसबीआई की ओर से दो धाराओं में केस दर्ज किया है, जिनका जिक्र एनसीएलटी की मेन बेंच की वेबसाइट में भी दर्ज है। इस के बारे में तत्काल सुनवाई की बात कही गई है। एनसीएलटी के सेक्शन 95 (1) के तहत केस दायर हुआ है। इस धारा के तहत कर्जदाता बैंक कर्जधारक और लोन के गारंटर के खिलाफ दिवालिया प्रक्रिया शुरू करने के लिए आवेदन कर सकते हैं। खास बात तो ये है कि एसबीआई की ओर से यह कार्रवाई उस वक्त की गई है, जब दूसरे कर्जदाताओं को ग्रुप की कंपनियों को बेचकर रुपया वसूलने की इजाजत मिल गई है।

ताकि निजी संपत्तियों पर किया जा सके दावा
जानकारी के अनुसार बैंक की ओर से यह आवेदन इसलिए किया गया है ताकि कर्जदार अनिल अंबानी की प्राइवेट प्रॉपर्टी पर दावा किया जा सके। वहीं दूसरी ओर एसबीआई को डर है कि उनसे पहले दूसरे इंटरनेशनल बैंक इस प्रोपर्टी पर दावा करने का केस कर इजाजत हासिल कर सकते हैं। आपको बता दें के हाल ही के दिनों में ब्रिटेन की कोर्ट की ओर से अनिल अंबानी को चीनी बैंकों को 717 मिलियन डॉलर की रकम देने को कहा था। चीनी बैंकों ने अनिल धीरूभाई अंबानी ग्रुप की कंपनी रिलायंस कॉम्युनिकेशंस को कॉरपोरेट लोन दिया था। वहीं दूसरी ओर अनिल अंबानी की ओर से लोन की पर्सनल गारंटी देने से इनकार कर दिया था। वहीं उन्होंने अपनी नेटवर्थ को पूरी तरह से जीरो बता दिया था।