scriptइंफोसिस को लगा बड़ा झटका, पूर्व सीएफआे से कानूनी लड़ार्इ हारने के बाद देना होगा ब्याज समेत 12.17 करोड़ रुपये | Infosys will have to pay 12.17 crore to RAjiv bansal says tribunal | Patrika News

इंफोसिस को लगा बड़ा झटका, पूर्व सीएफआे से कानूनी लड़ार्इ हारने के बाद देना होगा ब्याज समेत 12.17 करोड़ रुपये

locationनई दिल्लीPublished: Sep 18, 2018 03:34:56 pm

Submitted by:

Ashutosh Verma

ट्रिब्यूनल के इस आदेश के मुताबिक इंफोसिस को पूर्व सीएफआे राजीव बंसल की बकाया 12.17 करोड़ रुपये को ब्याज के साथ भुगतान करना होगा। ट्रिब्यूनल ने इंफोसिस की आपत्तियों को उचित माना।

नर्इ दिल्ली। देश की दिग्गज आर्इटी कंपनी इंफोसिस को अाज एक बड़ा झटका लगा है। कंपनी को आज अपने पूर्व सीएफआे राजीव बंसल से चल रही कानूनी लड़ार्इ में हार का सामना करना पड़ा है। कंपनी के पूर्व चीफ फाइनेंशियल आॅफिसर (सीएफआे) राजीव बंसल का 12.17 करोड़ रुपये कंपनी के पास बकाया है। अक्टूबर 2012 से तीन साल कंपनी के सीएफआे पद पर का कार्यभार संभालने के बाद राजीव बंसल ने अक्टूबर 2015 में कंपनी छोड़ी था।


बीएसर्इ को नोटिफिकेशन लिखकर इंफोसिस ने दी जानकारी
राजीव बंसल ने अपने शेष भुगतान के लिए आर्बिट्रेशन क्लाॅज की तहत मांग की थी। ट्रिब्यूनल ने इंफोसिस से पूर्व सीएफआे की बकाया राशि के भुगतान करने का आदेश दे दिया है। बाॅम्बे स्टाॅक एक्सचेंज (बीएसर्इ) को दिए गए एक नोटिफिकेशन में इंफोसिस ने कहा है कि, “आर्बिट्रल टिब्यनूल ने अपेन फैसला सुनवार्इ के दौरान हमें बता दिया है।” ट्रिब्यूनल के इस आदेश के मुताबिक इंफोसिस को पूर्व सीएफआे राजीव बंसल की बकाया 12.17 करोड़ रुपये को ब्याज के साथ भुगतान करना होगा। ट्रिब्यूनल ने इंफोसिस की आपत्तियों को उचित माना।


क्या है पूरा मामला
दरअसल, इंफोसिस के सीर्इआे विशाल सिक्का के कार्यकाल के दौरान सीएफआे राजीव बंसल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। उस दौरान इंफोसिस को सीवियरेंस पे (समय से पहले निकालने पर किया जाने वाले भुगतान ) के तौर पर 17.38 करोड़ रुपये का भुगतान करना था। उस दौरान इंफोसिस के सह-संस्थापक एन नारायणमूर्ति ने इस पे को लेकर कड़ी आपत्ति जतार्इ थी। मूर्ति ने सार्वजनिक तौर पर कहा था कि सीवियरेंस पैकेज के तौर पर इतनी बड़ी राशि का भुगतान करना कहीं से ठीक नहीं है। ये तो एेसा है जैसे अाप किसी तथ्य को छुपाने का प्रयास कर रहे हैं। इसके बाद विशाल सिक्का के कपंनी छोड़ने के बाद इंफोसिस ने सीवियरेंस पे पर रोक लगा दिया था। यही नहीं, कंपनी ने पहले 5.20 करोड़ रुपये की पूर्व में जमा कि गर्इ राशि को भी लौटाने काे कहा था। फिर इसके बाद राजीव बंसल ने आर्बिट्रेशन ट्रिब्यूनल से इस बात की शिकायत की थी। इसी पर आज सुनवार्इ के बाद ट्रिब्यूनल ने फैसला लिया कि इंफोसिस को बाकी की बकाया 12.20 करोड़ रुपये की राशि का भुगतान करना होगा। कंपनी को यह राशि ब्याज के साथ देना होगा।

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