
कनाडा की कंपनी Brookfield की हो रही थी Hotel Leela से डील, ITC ने खटखटाया एनसीएलटी का दरवाजा
नई दिल्ली। होटल लीला वेंचर अधिग्रहण मामले को लेकर शेयरधारक ITC ने राष्ट्रीय कंपनी कानून अधिकरण ( nclat ) का दरवाजा खटखटाया है। आईटीसी ने कंपनी के खिलाफ दबाव और कुप्रबंधन का आरोप लगाया है। होटल लीला ( Hotel Leela ) वेंचर ने एक रेगुलेटरी फाइलिंग में कहा है कि आईटीसी की याचिका एनसीएलएटी की मुंबई पीठ के सामने रखी गई है। पीठ ने मामले में 24 अप्रैल को सुनवाई तय की है। एक्सचेंजों पर उपलब्ध ताजा जानकारी के अनुसार, होटल लीला वेंचर में आईटीसी का कुल शेयर 7.92 फीसदी है।
एनसीएलटी बुधवार (24 मार्च 2019) को इस मामले की सुनवाई करेगा। आज ही लीली के शेयरधारकों के लिए अंतिम दिन है जब वे ब्रुकफील्ड के साथ लेनदेन के लिए वोट करेंगे। जानकारों का मानना है कि आईटीसी लीला की संपत्तियों को ध्यान में रखते हुए जानबूझकर वो इस सेल में बाधा डाल रहा हो। आईटीसी के एक प्रवक्ता ने इस मामले को न्यायालय में चल रही कार्रवाई का हवाला देते हुए कोई भी बयान देने से मना कर दिया। वहीं, इस मामले से संबंधित एक वकील ने कहा, "यह एक दबाव व कुप्रबंधन याचिका है जिसे कंपनी एक्ट 2013 के सेक्शन 241 के तहत दायर किया गया है। हालांकि, इसके तरह की याचिका दायर करने के लिए याचिकाकर्ता के पास कंपनी में कम से कम 10 फीसदी की हिस्सेदारी होनी चाहिए। लीलीवेंचर को ब्रुकफील्ड को बेचने में एनसीएलटी तक जाने के अतिरिक्त, आईटीसी यह भी चाहता है कि उसे कंपनी एक्ट के तहत 10 फीसदी की नियम से भी छूट मिले।"
इसी साल मार्च माह में लीलावेंचर ने घोषणा किया था कि कनाडा की एसेट मैनेजमेंट कंपनी होटल लीलावेंचर की संपत्ति खरीदने के लिए तैयार हो गई है। इसमें लीला होटल की दिल्ली, बेंगलुरु, उदयपुर और चेन्नई की संपत्ति 3,950 करोड़ रुपए में खरीदेगी। लीला ने यह भी कहा था कि प्रोमोटर्स को उनकी इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी में हिस्सेदारी के लिए ब्रुकफील्ड से 300 करोड़ रुपए दिए जाएंगे।
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Published on:
24 Apr 2019 11:47 am
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