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अमेरिकन एक्सप्रेस में रोज खुल जाते हैं 500 अकाउंट, जारी किए आंकड़े

अमेरिकन एक्सप्रेस के उपाध्यक्ष एवं ग्लोबल मर्चेंट सर्विसेज के प्रमुख अनुराग गुप्ता ने बताया कि वर्ष 2017 में हमने अमेरिकन एक्सप्रेस कार्ड स्वीकार करने वाले करीब 1,80,000 व्यापारियों को जोड़ा।

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Saurabh Sharma

Jun 05, 2018

American express

अमेरिकन एक्सप्रेस में रोज खुल जाते हैं 500 अकाउंट, जारी किए आंकड़े

नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी ने सत्ता में आते ही देश की सबसे बड़ी बैंकिंग जनधन योजना की शुरूआत की थी। जिसकी वजह से लाखों बैंक अकाउंट अभी तक खुल खुल चके हैं। लेकिन एक प्राइवेट बैंक जनधन योजना को कढ़ी टक्कर देने में जुट गया है। वैश्विक कार्ड जारीकर्ता कंपनी और एकीकृत भुगतान प्लेटफॉर्म अमेरिकन एक्सप्रेस का दावा है कि भारत में प्रतिदिन औसतन 500 नए व्यापारी इससे जुड़े हैं। कंपनी ने मंगलवार को यह दावा किया। अमेरिकन एक्सप्रेस के उपाध्यक्ष एवं ग्लोबल मर्चेंट सर्विसेज के प्रमुख अनुराग गुप्ता ने बताया, "हमने चार महानगरों से परे वृद्धि के जबरदस्त अवसर पाए हैं और पिछले वर्ष हमारा जोर इसे भुनाने पर रहा है।

1,80,000 व्यापारियों को जोड़ा
उन्होंने कहा कि मुझे आपके साथ यह जानकारी साझा करते हुए खुशी है कि वर्ष 2017 में हमने अमेरिकन एक्सप्रेस कार्ड स्वीकार करने वाले करीब 1,80,000 व्यापारियों को जोड़ा। हमने अब उन वर्गों में अपनी स्वीकार्यता में उल्लेखनीय सुधार दर्ज किया है जहां हमारे कार्डधारक पैसा खर्च करते हैं जैसे रेस्तरां, रिटेल आउटलेट, स्वास्थ्य सेवा प्रदाता, होटल और पेट्रोल पंप आदि। हमें बढ़ी हुई स्वीकार्यता को लेकर हमारे कार्डधारकों से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है और हम नए व्यापारी जोड़ने की इस गति को बनाए रखने के लिए नई साझीदारी और अनूठे भुगतान समाधान की संभावना तलाश रहे हैं।"

सीएसडी में भी भागेदारी
अमेरिकन एक्सप्रेस दिन प्रतिदिन के खर्च में भागीदारी करने वाले सभी छोटे दुकानदारों को जोड़ने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। यह कार्ड अब भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा सभी प्रमुख सैन्य ठिकानों में परिचालित भारत सरकार के उपक्रम कैंटीन स्टोर्स डिपार्टमेंट (सीएसडी) में भी स्वीकार किया जाएगा। इन सैन्य ठिकानों में 3,500 से अधिक कैंटीन परिचालन में हैं। इस बारे में अनुराग ने कहा, "सीएसडी सभी वर्गों में व्यापक किस्म के उत्पाद बेचने वाली भारत में सबसे बड़ी खुदरा श्रृंखला है। हमें इस बात की बेहद खुशी है कि हम भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के जरिये स्वीकार किए जाएंगे और इससे देशभर में 30 लाख से अधिक रक्षा कर्मियों को सेवा देने की हम उम्मीद करते हैं।"