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नर्इ दिल्ली। देश के सबसे बड़े धनकुबेर आैर रिलायंस इंडस्ट्रीज के मुखिया मुकेश अंबानी की सैलरी पिछले 10 साल से नहीं बढ़ी है। 2008-09 से अंबानी ने अपना वेतन 24 करोड़ रुपये सालाना रखा है। कल्पना कीजिये अगर एक कर्मचारी की सैलरी 10 साल से नहीं बढ़ती तो उसकी निराशा का स्तर क्या होता। जहां तक मुकेश अंबानी का सवाल है वेतन तो उनकी कुल आय का एक छोटा सा हिस्सा है इसलिए वह अपनी सैलरी में कोई बदलाव किए इसे छोड़ सकते हैं। कंपनी के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक के रूप में मुकेश अंबानी का कार्यकाल खत्म हो रहा है और वह इसे 5 साल और बढ़ाना चाहते हैं। अंबानी ने इसके लिए शेयरधारकों से मंजूरी मांगी है। कंपनी के निदेशक मंडल में अंबानी 1977 से हैंं।
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सैलरी नहीं बढ़ी फिर भी क्यों खुश है अंबानी
ब्लूमबर्ग क्विंट रिपोर्ट के अनुसार पिछले 10 वर्षों में उनका संचयी वेतन 150 करोड़ रुपये था, जो उनके लाभ की आय का सिर्फ 1 प्रतिशत है। कंपनी में 47.4% के साथ एक मात्र सबसे बड़े शेयरधारक अंबानी ने इसी अवधि में कंपनी द्वारा घोषित लाभांश से 14,553 करोड़ रुपये कमाए। रिपोर्ट के मुताबिक 2008 से रिलायंस ने लाभांश में 31,616 करोड़ रुपये का भुगतान किया है। अंबानी (और उनके परिवार) प्रमोटर और बहुमत शेयरधारकों को कंपनी में अपनी हिस्सेदारी के माध्यम से लाभांश में 14,553 करोड़ रुपये मिले।
15 करोड़ रुपए है सैलरी
2008-09 के बाद से अंबानी ने अपने वेतन में भत्ते और कमीशन को मिलाकर 15 करोड़ रुपए रखा है। गौरतलब है कि 31 मार्च 2018 को समाप्त हुए वित्त वर्ष में रिलायंस इंडस्ट्रीज ने पूर्णकालिक निदेशकों, निखिल और हिटल मेसवानी की सैलरी में वृद्धि की थी। आरआईएल ने अपनी नवीनतम वार्षिक रिपोर्ट में कहा मुकेश अंबानी के वेतन 15 करोड़ रूपये पर रखा गया है। जो प्रबंधकीय स्तर पर वेतन को मॉडरेट रखने की उनकी व्यक्तिगत मिसाल कायम करने की इच्छा को प्रदर्शित करता है।
Published on:
09 Jun 2018 09:09 pm
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