scriptस्कूटर से गड्ढे खुदवाए जाने के चर्चित वृक्षाराेपण घोटाले में कई बड़े अफसरों पर गाज की तैयारी, 18 से जवाब तलब | Action taken in scam plantation scam of digging pit from scooter | Patrika News
लखनऊ

स्कूटर से गड्ढे खुदवाए जाने के चर्चित वृक्षाराेपण घोटाले में कई बड़े अफसरों पर गाज की तैयारी, 18 से जवाब तलब

जेसीबी के स्थान पर कागजों में मिले स्कूटर मोपेड और जीप के रजिस्ट्रेशन नंबर
पूरे मामले में अब एक के बाद एक खुल रही हैं परतें कई नाम आ चुके हैं सामने

लखनऊMar 08, 2021 / 07:25 pm

shivmani tyagi

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पत्रिका न्यूज़ नेटवर्क

लखनऊ . पौधारोपण के लिए स्कूटर से गड्ढे खोदने का सरकारी विभाग का कारनामा अब तूल पकड़ रहा है। सरकार इस मामले को लेकर सख्त हो गई है। प्रधान और महालेखाकार के ऑडिट में यह घोटाला सामने आया था और अब इसमें नए नए नाम खुलकर सामने आ रहे हैं। इसी मामले में शासन ने अब 18 वन प्रभाग अधिकारियों यानी डीएफओ को भी जवाब तलब कर लिया है। चर्चा है कि इनमें से कुछ पर जल्द गाज गिर सकती है।
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वर्ष 2017, 2018 और 2019 के मार्च माह के मासिक वाउचरों का ऑडिट किया गया तो एक हैरान कर देने वाली बात सामने आई। इन बाउचरों में 1.7 करोड़ रुपए का घपला सामने आया। दरअसल वन विभाग ने जिन जेसीबी के नंबर वाउचरों में दर्ज किए थे वह नंबर ट्रैक्टर मोपेड मोटरसाइकिल और स्कूटर के निकले। यानी वन विभाग ने फर्जी बिल बनाए। जिन गढ्ढों की जेसीबी से खुदाई दिखाई गई उनके वाउचरों में स्कूटर मोटरसाइकिल के नंबर लिख दिए गए। इससे पता चला कि कोरा फर्जीवाड़ा किया गया और जेसीबी कहीं चली ही नहीं।
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वन विभाग की ओर से जो बिल बनाए गए थे उनमें लिखा गया था कि पौधारोपण के बाद पौधों की सुरक्षा के लिए गड्ढे व खाई खोदी गई। मिट्टी का कार्य किया गया और पौधों के लिए ट्रैक्टर से गोबर का परिवहन किया गया जिससे उन्हें खाद डाली गई। पौधों को पानी देने के लिए ओर उनकी सुरक्षा के लिए खुदाई के भी वाउचर बनाए गए। इस कार्य के लिए जेसीबी लगाई गई लेकिन जब ऑडिट किया गया तो पता चला कि जेसीबी के जगह कथित ट्रैक्टर के नंबर स्कूटर के नंबर जीप के नंबर और मोपेड के नंबर वाउचरों में लिखे गए। इस तरह कुल 662 फर्जी वाउचर जांच में पकड़ने आए।
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उत्तर प्रदेश में इतने बड़े स्तर पर घोटाला सामने आने के बाद सरकार भी हैरान है और सरकार ने इस पूरे मामले को अब गंभीरता से लिया है। यह अलग बात है कि इस घोटाले के बाद अब वन विभाग के अफसर कह रहे हैं कि यह लिपिकीय त्रुटि की वजह से हुआ है और गलत नंबर डाल दिए गए। शासन इस जवाब से संतुष्ट नहीं है और इस गोलमाल पर अब शासन में अट्ठारह डीएफओ को जवाब तलब कर लिया है।
इन्हें किया गया तलब
झांसी के तत्कालीन डीएफओ मनोज शुक्ला, ललितपुर के तत्कालीन डीएफओ वीके जैन, हमीरपुर के तत्कालीन डीएफओ सोमधर पांडेय, लखनऊ के तत्कालीन डीएफओ मनोज सोनकर, डीएनपी बलिया के तत्कालीन डीएफओ महावीर समेत अन्य कई डीएफओ को नोटिस दिए गए हैं।

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