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( Muzaffarnagar Big News ) शासकीय अधिवक्ता फौजदारी राजीव शर्मा, सहायक शासकीय अधिवक्ता फौजदारी परवेंद्र सिंह, सीबीआई के विशेष लोक अभियोजक धारा सिंह मीणा और उत्तराखंड संघर्ष समिति के अधिवक्ता अनुराग वर्मा ने बताया कि सीबीआई बनाम मिलाप सिंह की पत्रावली में सुनवाई पूरी हो चुकी है। अभियुक्त मिलाप सिंह और वीरेंद्र प्रताप सिंह पर दोष सिद्ध हुआ था।रिवर्स गियर में स्टंट करना पड़ा भारी, रेलिंग तोड़ नदी में तैरने लगी कार
लंच के बाद सजा के प्रश्न पर सुनवाई हुई। सीबीआई की ओर से कुल 15 गवाह पेश किए गए। अभियुक्तों पर धारा 376 जी, 323, 354, 392, 509 व 120 बी में दोष सिद्ध हुआ था।सजा के प्रश्न पर सुनवाई करते हुए अदालत ने इस कांड को जलियांवाला बाग जैसी घटना के तुलना की। ( Famous Rampur Tiraha Case) अदालत ने यह भी कहा कि पुलिस ने कई मामलों में वीरता का परिचय दिया प्रदेश का मान सम्मान बढ़ाया, लेकिन यह देश और न्यायालय की आत्मा को झकझोर देने वाला प्रकरण है।
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आंदोलनकारियों पर मुकदमे दर्ज किए गए। उत्तराखंड संघर्ष समिति ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। इसके बाद 25 जनवरी 1995 को सीबीआई ने पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए थे।पीएसी गाजियाबाद में तैनात सिपाही मिलाप सिंह मूल रूप एटा के निधौली कलां थाना क्षेत्र के होरची गांव का रहने वाला है। जबकि दूसरा आरोपी सिपाही वीरेंद्र प्रताप मूल रूप सिद्धार्थनगर के थाना पथरा बाजार के गांव गौरी का रहने वाला है।