
File Photo of Altaf in side of toilet water tap in kasganj police station in uttar pradesh
उत्तर प्रदेश के कासगंज जिले में पुलिस थाने में हुई हत्या मामले पर हाई कोर्ट इलाहाबाद ने बड़ा फैसला सुनाया है। इसमें इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के कासगंज जिले में पुलिस हिरासत में मारे गए अल्ताफ मियां के शव का दूसरा पोस्टमॉर्टम करने का आदेश दिया. अल्ताफ के पिता चांद मियां की याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस अंजनी कुमार मिश्रा और जस्टिस दीपक वर्मा की पीठ ने एम्स द्वारा दूसरा पोस्टमॉर्टम का जारी कर दिया है। वहीं अब इस मामले में टीम को अलताफ़ की कब्र खोदकर लाश निकालना होगा। तभी उसे एम्स भेजा जाएगा जहां उसका पोस्ट मार्टम हो सकेगा।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लिया कडा फैसला
पुलिस की रिपोर्ट और मेडिकल रिपोर्ट पर विश्वास न करने की बात पर इलाहाबाद हाइकोर्ट ने कहा कि इस चरण में याचिकाकर्ता के वकील ने अनुरोध किया है, कि वह पुलिस हिरासत में मारे गए अल्ताफ मियां की पोस्टमार्टम रिपोर्ट से संतुष्ट नहीं हैं, इसलिए एम्स दिल्ली द्वारा नए सिरे से पोस्टमार्टम कराए जाने का अनुरोध किया है.
एसएसपी और बड़े पुलिस अधिकारियों के सामने कब्र खोदकर निकाली जाएगी अलताफ़ की लाश
इलाहबाद हाईकोर्ट ने कहा कि हम मृतक अल्ताफ के शव को कासगंज के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक की उपस्थिति में निकालने और उसे सीलकर तत्काल दिल्ली स्थित एम्स भेजकर दूसरा पोस्टमॉर्टम कराने का निर्देश देते हैं, जहां दिल्ली एम्स के चिकित्सकों की टीम की उपस्थिति में पोस्टमॉर्टम किया जाएगा.
कब्र खोदकर लाश निकालने और पोस्ट मार्टम की फोटो ग्राफी का आदेश
इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान क्षेत्रीय पुलिस अधिकारीयन के रवैये से जज काफी नाराज़ भी दिखे जिस पर उन्होने कहा कि 'इस पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी की जाएगी और शव की तस्वीर भी परीक्षण के विभिन्न चरणों में ली जाएगी और उसे संरक्षित रखा जाएगा. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट, वीडियो फुटेज और फोटोग्राफ को तीन प्रतियों में तैयार किया जाएगा. गुरुवार के आदेश में अदालत ने कहा कि गुह पूरी कवायद आज से 10 दिनों के भीतर पूरी की जानी चाहिए.
पानी के छोटे से नल से कैसे हो सकती है आत्महत्या?
इलाहाबाद हाइकोर्ट ने कहा कि यह आदेश इसलिए पारित किया गया है क्योंकि याचिकाकर्ता ने जो फोटोग्राफ पेश किए हैं उसमें मृतक अल्ताफ को पानी की एक पाइप से खुद को लटका हुआ दिखाया गया है, जो कि शौचालय से केवल तीन फुट ऊपर लगाया गया है. इतने छोटे से पानी के नल से कैसे आत्महत्या हो सकती है? वहीं 10 दिन के अंदर ये सब सबमिट करने का आदेश इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दिया है। अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद करने का आदेश दिया. याचिकाकर्ता ने अदालत से इस मामले की जांच सीबीआई से कराने का अनुरोध किया.
Updated on:
11 Feb 2022 07:43 pm
Published on:
11 Feb 2022 07:42 pm
बड़ी खबरें
View Allलखनऊ
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग
