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अब सिर्फ एक पेज में मिलेगी रजिस्ट्री की कॉपी, बैंक लोन और सम्पत्ति के साक्ष्य में आएगी काम, केवल 100 रुपए जमा होंगे ऑनलाइन

उत्तर प्रदेश का स्टाम्प व रजिस्ट्री विभाग ने रजिस्ट्री या बैनामे को लेकर नियमों बड़ा बदलाव किया है।

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लखनऊ

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Nitin Srivastva

Sep 11, 2020

अब सिर्फ एक पेज में मिलेगी रजिस्ट्री की कॉपी, बैंक लोन और सम्पत्ति के साक्ष्य में आएगी काम, सिर्फ सौ रुपए में मिलेगा आनलाइन

अब सिर्फ एक पेज में मिलेगी रजिस्ट्री की कॉपी, बैंक लोन और सम्पत्ति के साक्ष्य में आएगी काम, सिर्फ सौ रुपए में मिलेगा आनलाइन

लखनऊ. उत्तर प्रदेश का स्टाम्प व रजिस्ट्री विभाग ने रजिस्ट्री या बैनामे को लेकर नियमों बड़ा बदलाव किया है। विभाग अब प्रदेश में स्थित किसी भी भू-सम्पत्ति की रजिस्ट्री की कई पन्नों की नकल नहीं देगा। बल्कि उसके बजाए केवल एक पन्ने का प्रमाण पत्र जारी करेगा। रजिस्ट्री से संबंधित इस प्रमाण पत्र में खरीदने और बेचने वाले का नाम, रकबा, खसरा-खतौनी की संख्या समेत दूसरे ब्यौरे दर्ज होंगे। आपको बता दें कि अभी तक विभाग में ऐसा किसी तरह का प्रमाण पत्र जारी करने की कोई व्यवस्था नहीं थी। इसी के चलते सीबीएसई स्कूल जैसी दूसरी राष्ट्रीय नेटवर्क वाली संस्थाओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता था।

एक पेज में मिलेगा सर्टिफिकेट

यूपी के स्टाम्प और रजिस्ट्रेशन मंत्री रवीन्द्र जायसवाल ने बताया कि स्टाम्प एवं रजिस्ट्रेशन विभाग द्वारा आम आदमी की सुविधा के लिए पंजीकृत लेख पत्र को एक पेज पर भी प्रमाण पत्र (सर्टिफिकेट) उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई है। इस प्रमाण पत्र की जरूरत के संबंध में शैक्षणिक संस्थानों द्वारा एवं पंजीकृत न्यास के न्यासियों द्वारा मांग की जा रही थी। उन्होंने बताया कि प्रमाण पत्र के लिए पक्षकार को स्टाम्प एवं रजिस्ट्रेशन विभाग की वेबसाइट से ऑनलाइन आवेदन करना होगा। यह प्रमाण मात्र 100 रुपए शुल्क के रूप में संबंधित उप निबंधक कार्यालय में जमा करने के बाद उपलब्ध कराया जाएगा। वर्तमान में अचल संपत्ति से जुड़े वर्ष 2018 के बाद के पंजीकृत लेखपत्रों का प्रमाण पत्र उपलब्ध है।

योजना से मिलेगा लाभ

साल 2018 के बाद रजिस्टर्ड दूसरे तमाम तरीकों के लेखपत्र से संबंधित प्रमाण पत्र को रजिस्ट्रेशन अधिनियम 1908 के तहत अनुमन्य व्यक्तियों को ही उपलब्ध कराया जाएगा। दूसरे चरण में क्रमशः पूर्ववर्ती वर्षों के पंजीकृत लेखपत्रों के प्रमाण पत्र भी उपलब्ध कराए जाएंगे। स्टाम्प और रजिस्ट्रेशन मंत्री रवींद्र जायसवाल ने बताया कि इस व्यवस्था के लागू होने से आम इंसान को लाभ होगा। अब जहां भी पंजीकृत लेखपत्र को प्रस्तुत करना या उपयोग में लाना होगा, वहां कई पन्नों के लेखपत्र की जगह केवल एक ही पेज का प्रमाण पत्र लगेगा।