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लखनऊ

यूपी की राजनीति में उतरेंगे भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर, पार्टी बनाकर लड़ेंगे चुनाव, मायावती के लिए खड़ी करेंगे मुसीबत!

बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती के दलित वोट बैंक में सेंध लगाने भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद उर्फ ‘रावण’ चुनावी मैदान में उतरने जा रहे हैं।

लखनऊDec 13, 2019 / 08:43 pm

Abhishek Gupta

Chandrashekhar Mayawati

Chandrashekhar Mayawati

लखनऊ. बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती के दलित वोट बैंक में सेंध लगाने भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद उर्फ ‘रावण’ चुनावी मैदान में उतरने जा रहे हैं। यूपी में पंचायत चुनाव से वह अपनी राजनीति की शुरुआत करेंगे। इसका ऐलान खुद चंद्रशेखर ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट पर की। दलित समाज को बहुजन समाज पार्टी का विकल्प देने भीम आर्मी चीफ ने यह फैसला लिया है। काफी समय से चंद्रशेखर बसपा सुप्रीमो को रिझाने की कोशिश व उनके साथ चुनाव लड़ने का प्रस्ताव दे रहे हैं, लेकिन मायावती की बेरुखी से नाखुश भीम आर्मी चीफ ने अब अकेले ही राजनीतिक बिसात बिछाने का फैसला कर लिया है। यूपी में पंचायत चुनाव के बाद आजाद 2022 यूपी विधानसभा चुनाव भी लड़ेंगे। जल्द ही चंद्रशेखर पार्टी का ऐलान करेंगे। सूत्रों के मुताबिक लखनऊ में पार्टी का मुख्यालय होगा। वह खुद चुनाव लड़ेंगे या नहीं, इस पर उन्होंने अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन पार्टी बनाकर चुनाव मैदान में उतरने का फैसला कहीं न कहीं मायावती की मुसीबत खड़ी कर सकता है।
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ट्वीट कर किया ऐलान-

गुरुवार को ‘रावण’ ने ट्वीटर कहा कि मैं चन्द्रशेखर आज़ाद बहुजन समाज को आज नए राजनीतिक विकल्प देने की घोषणा करता हूँ और समाज के लिए अपना जीवन समर्पित करने वाले ईमानदार,संघर्षशील और मिशनरी युवाओं से अपील करता हूँ की आकर नेतृत्व संभाले। अब दौलत वाला नही,काम करने वाला नेता बनेगा। जय भीम।
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बसपा रही निशाने पर-
वहीं राज्यसभा में नागरिक संशोधन बिल पास होने के बाद आजाद ने बसपा पर आरोप लगाया और कि जब संसद में संविधान की हत्या हो रही थी उस वक्त बसपा के दो राज्यसभा सांसद संविधान बचाने की लड़ाई छोड़कर भाग गए और बीजेपी को फायदा पहुंचाया। ऐसा करके उन्होंने बाबा साहेब,माननीय कांशीराम जी और पूरे बहुजन समाज के साथ छल किया है.. इससे पहले भी गैर संवैधानिक आर्थिक आधार पर आरक्षण,धारा 370 पर समर्थन देकर बहन मायावती जी ने भाजपा को फायदा पहुंचाया। ऐसा करके आपने बहुजन समाज के अभिन्न अंग मुस्लिम समाज को असुरक्षित महसूस करवाया और बहुजन राजनीति को कमजोर किया।
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