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मौत की आंधी ने उत्तर प्रदेश में बरपाया कहर, 15 लोगों की ले ली जान, सीएम योगी ने तत्काल मदद के दिए निर्देश

- आंधी-बारिश से कुल 15 लोगों की मौत - सीएम योगी ने अधिकारियों को तत्काल मदद पहुंचाने के दिए निर्देश - मृतक आश्रितों को 4 लाख मुआवजा देने का किया ऐलान - 33 फीसदी से ज्यादा फसल बर्बाद होने पर मिलेगा अनुदान

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लखनऊ

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Nitin Srivastva

Jun 07, 2019

CM Yogi Adityanath order help for death due to storm

मौत की आंधी ने उत्तर प्रदेश में 15 लोगों की ली जान, सीएम योगी ने चार लाख मुआवजे की किया ऐलान

लखनऊ. उमस भरी गर्मी के बीच गुरुवार रात आंधी के बाद तेज बारिश होने से लखनऊ और आसपास के जिलों में मौसम का मिजाज बदल गया। कई इलाकों में ओले भी गिरे। पूर्वी और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जिलों में तेज आंधी-बारिश और आकाशीय बिजली की चपेट में आने से कुल 15 लोगों की मौत हो गई, जबकि दर्जनों लोग घायल हो गए। देर रात शुरू हुई आंधी ने दस्तक दी तो कई जगहों पर पेड़ और होर्डिंग उखड़ गए। कई जगहों पर पेड़ टूटकर गिरने से यातायात बाधित हो गया। तेज आंधी-बारिश के साथ ओलाव़ष्टि से आम की फसल को भी काफी नुकसान पहुंचा। वहीं सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस दैवीय आपदा के चलते मरने वालों के आश्रितों को चार-चार लाख रुपये मुआवजा तत्काल देने का आदेश दिया है।

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सीएम योगी ने तुरंत मदद के दिए निर्देश

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आंधी-तूफान से हुए नुकसान का संज्ञान लेते हुए इससे प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि संकट की इश घड़ी में राज्य सरकार प्रभावितों के साथ है और उनकी हर संभव मदद की जाएगी। मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि जनहानि, पशुहानि और मकान क्षति ले प्रभावित लोगों को 24 घंटे के अंदर सहायता राशि उपलब्ध करा दी जाए। उन्होंने इस दैवीय आपदा के चलते मरने वालों के आश्रितों को चार-चार लाख रुपये मुआवजा तत्काल देने का आदेश दिया है। सीएम योगी ने यह निर्देश भी दिए हैं कि वह अपने-अपने जनपद में फसलों को हुए नुकसान का तत्काल आकलन करें। 33 फीसदी से अधिक क्षति वाले किसानों को कृषि निवेश अनुदान वितरित किया जाए।

पश्चिमी विक्षोभ वजह

मौसम विभाग के मुताबिक तेज अंधड़ और बारिश के साथ ओलों की मार की वजह पश्चिमी विक्षोभ है। 80 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही हवाओं के बाद भी आने वाले दिनों में तापमान में गिरावट के संकेत नहीं हैं। मौसम विभाग ने मानसून में भी अभी और देरी की आशंका जताई है। मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक सर्दियों में ज्यादा बर्फबारी, गर्मियों में भीषण गर्मी और मानसून का देर से आना। ये सारे लक्षण ग्लोबल वार्मिंग के हैं। वैज्ञानिकों ने आशंका जताई कि अगर समय रहते नहीं चेते तो मौसम चक्र तहस-नहस हो सकता है और उसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।

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