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लखनऊ

यूपी विधानसभा में सीएम योगी ने विपक्ष को घेरा, कहा- ऐसा न हो कि लोग विधायिका को ड्रामा पार्टी समझ लें

– सभापति ने समाजवादी पार्टी के सात एमएलसी को नोटिस जारी- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विपक्षी दलों को आड़े हाथ लिया- विपक्ष से पूछा- क्या यह प्रदेश आपका नहीं है?

लखनऊFeb 24, 2021 / 04:33 pm

Hariom Dwivedi

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पत्रिका न्यूज नेटवर्क
लखनऊ. यूपी विधानमंडल बजट सत्र के पांचवें दिन कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी दलों ने हंगामा शुरू कर दिया। कई सदस्यों के वेल तक आ जाने पर सभापति ने समाजवादी पार्टी के सात एमएलसी को नोटिस जारी किया है। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विपक्षी दलों को आड़े हाथ लिया। उन्होंने कहा कि राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान जिस तरह का व्यवहार किया गया, वह शर्मनाक है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में संवाद का सिलसिला चलता रहना चाहिए लेकिन, सत्ता का विरोध करते हुए कई बार विपक्ष के लोग ऐसे बयान देते हैं जिससे प्रदेश की छवि खराब होती है। विपक्ष के लोगों से पूछना चाहता हूं कि क्या ये प्रदेश आपका नहीं है? मुख्यमंत्री ने कहा कि कहीं लोग विधायिका को ड्रामा पार्टी न मान लें।
सीएम योगी ने अज्ञेय की पंक्तियों को पढ़ते हुए कहा, ‘सर्प तुम कभी नगर नहीं गए, नहीं सीखा तूने वहां बसना, तो फिर कहां से विष पाया, कहां सीखा डसना।’ उन्होंने कहा कि किसी भी मुद्दे पर आपस में सहमति-असहमति हो सकती है, लेकिन संवाद का सिलसिला बने रहना चाहिए। राज्यपाल प्रदेश का संवैधानिक प्रमुख है। संवैधानिक प्रतीकों का सम्मान चुने गए जन प्रतिनिधित्यों का दायित्व होना चाहिए। इसमें हम सभी कहीं न कहीं चूक करते हैं। राज्यपाल पार्टी का नहीं प्रदेश का है। उनका सम्मान होना चाहिए। इसी तरह न्यायपालिका भी प्रतिकूल टिप्पणी नहीं करना चाहिए। लेकिन जिस तरह का आचरण देखने को मिला, वह पीड़ादायक है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सदन में हमारा जैसा व्यवहार होता है वैसी ही छवि लोग हमारे बारे में बनाते हैं। तंज कसते हुए कहा कि यहां पर कोई लाल टोपी कोई हरी टोपी? पता नहीं ये क्या परिपाटी बन गई है? पता नहीं ये लोग घर पर भी टोपी पहन कर रहते या नहीं? कोई हरी टोपी पहनता है। लोग कहीं विधायिका को नाटक कंपनी का पात्र न समझ लें, हमें इसका ख्याल रखना चाहिए। नेता प्रतिपक्ष अगर साफा पहन कर आते तो अच्छा होता, गांव की पगड़ी पहनकर आते तो अच्छा होता। योगी ने बताया कि मैं एक अन्नप्रासन कार्यक्रम में था, तभी एक पार्टी के कुछ नेता टोपी पहनकर विरोध करने आ गए। वहां मौजूद दो-ढाई साल के बच्चे ने कहा ‘मम्मी-मम्मी ये देखो गुंडा’। सोचिए क्या धारणा बन गई है। कहा कि नेता प्रतिपक्ष सरल व सहज स्वभाव के हैं, लेकिन गलत पार्टी में होने के चलते वे भटक जाते हैं।
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‘कांग्रेस ने भद्दा मजाक किया’
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान एक माता जी ने तो जीवन भर की कमाई दे दी। कांग्रेस महासचिव का भी पत्र आया कि वह 1000 बसें देना चाहती हैं। लेकिन, जब जांच कराई तो कोई स्कूटर तो कोई थ्री व्हीलर निकला। यह मजाक नहीं था तो क्या था? कहाकि हर चीज में राजनीति नहीं करनी चाहिए। किसी के यहां दुःखद घटना होगी और आप डीजे बजायेंगे तो कैसा लगेगा? स्वाभिमानी व्यक्ति होगा तो पटक कर मारेगा। अगर कांग्रेस बस देना चाह रही थी तो राजस्थान के कोटा में फंसे छात्रों को बस क्यों नहीं उपलब्ध कराई गई? महामारी के दौरान कांग्रेस ने भद्दा मजाक किया। वहीं, राहुल गांधी का नाम लिए बिना सीएम योगी ने कहा कि जिन्हें यूपी के लोगों ने सांसद बनाया वह केरल जाकर यूपी के लोगों की खिल्ली उड़ा रहे हैं।
सपा के सात एमएलसी को नोटिस
सभापति ने सपा के एमएलसी आनंद भदौरिया, राजेश यादव, सुनील सिंह साजन, संजय लाठर, उदयवीर सिंह, राजपाल कश्यप और संतोष यादव सनी के खिलाफ चेतावनी नोटिस जारी किया है। हंगामे के दौरान यह सभी वेल में आ गये थे।

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