जिससे फसलों पर एक बार फिर कटान का खतरा मंड़राता नजर आ रहा है। वही कटान का रुख देखकर ग्रामीण दहशत में है। साथ ही कटान को रोकने के लिए डाले गए बम्बू कैरेट भी कटान के चलते बह गए है।
फूलबेहड़ में शारदा नदी की तबाही थमने का नाम नहीं ले रही है। सैकड़ों एकड़ फसलें कटने के बावजूद अभी नदी शांत नहीं हुई है। कटान रोकने के लिए किए गये उपाय भी सफल नहीं हो सके। ग्रामीणों की माने तो कटान रोकने के लिए कई सालों से मांग की जा रही है, लेकिन कोई इंतजाम नहीं हुये इस बार नदी ने जब कटान शुरू किया तो इलाके के लोगों ने एक बार फिर मांग दोहराई। यूं तो काफी दिनों तक प्रशासन टाल मटोल करता रहा, लेकिन जब ग्रामीणों ने कटान रोकने के लिए खुद ही प्रयास किया तब सिंचाई महकमा नींद से जागा और बम्बू कैरेट बनवाने का काम शुरू हुआ।
कुछ बम्बू कैरेट डाल कर खानापूर्ति कर ली। इसे महज खानापूर्ति ही कहेंगे क्योंकि नदी की पहली ही धार ने ही बम्बू कैरेट बहा दिये, कटान की गति देखकर ग्रामीणों में काफी दहशत का माहौल है, क्योंकि नदी गूम की तरफ बढ़ती जा रही है। कटान पीड़ितों का हाल जानने के लिए न तो कोई जनप्रतिनिधि आया और न ही कोई अधिकारी पहुंचे हैं।