नौकरी देने के लिए बुलाते और ग्राहकों के आगे फेंक देते
सुरजीत, सुमन, तौहीद व सोनी समेत अन्य आरोपी को पुलिस ने लखनऊ से गिफ्तार किया है। आरोपियों के चंगुल से बचकर निकली लड़की से पता चला कि इनमें से एक से उसकी फोन पर बात हुई थी। नौकरी दिलाने की बात पर वह वाराणसी से लखनऊ पहुंची। क्योंकि उसे अपनी मां के इलाज के लिए पैसे जमा करने थे। इसके बाद चारबाग स्टेशन से कार में बैठाने के बाद उसे तेलीबाग ले गए। यहां पहले उसे खिलाया पिलाया। फिल कुछ समय बाद जानकीपुरम में सैक्स रैकेट चलाने वाले एक दंपत्ति के पास छोड़ दिया। जहां लड़की के साथ रेप हुआ। इसके बाद वह लोग मिलकर रोज लड़की को जबरन ग्राहकों के पास ले जाकर छोड़ने लगे थे। पीड़िता के मुताबिक उसके विरोध करने के बावजूद आरोपी उसे ग्राहकों के आगे छोड़ कर चले जाते थे। इसके बाद कमरे में आने वाला व्यक्ति उसके साथ जबरन गलत काम करता था। रोकने पर ग्राहक उसे हजारों रूपये की कीमत अदा करने की बात कहकर मुंह बंद रखने के लिए कहते थे।
वाट्सएप पर भेजते थे ग्राहकों को लड़कियों की फोटो
पुलिस पूछताछ के दौरान सुमन और सोनी के मोबाइल से कई लड़कियों की फोटो और वाट्सएप पर फोटो के साथ मैसेज में उनका रेट लिखा मिला। पता चला कि आरोपी मिलकर ग्राहकों से वाट्सएप के जरिये ज्यादातर डील करते थे। लड़की व रेट पसंद आने पर उसे ग्राहक की बताई जगह पर कार से छोड़ दिया जाता था। इसके बाद यह लोग सुबह वापस लड़की को लेने आते थे।
दर्जनों लड़कियों को बनाया शिकार
पुलिस पूछताछ में पता चला है कि इस सैक्स रैकेट चलाने वाले गिरोह ने दर्जनों लड़कियों को नौकरी और अच्छा पैसा दिलाने के नाम पर अपना शिकार बनाया है। ज्यादातर लड़कियों को फंसाने के बाद उनकी पहले आपत्तिजनक फोटो और वी़डियो आरोपी अपने पास रख लेते और बात न मानने पर ब्लैकमेल करते थे।
मुख्य सरगना फरार
पुलिस के मुताबिक देह व्यापार के इस धंधे में अभी कई बड़े खिलाड़ियों की गिरफ्तारी बाकी है।पुलिस जानकीपुरम में रहने वाले एक अन्य दंपत्ति के साथ तीन अन्य की तलाश में जुटी हुई है। जो कि लड़कियों की बड़े स्तर पर ग्राहकों के साथ बुकिंग कराते थे।
पांच से आठ हजार पाते आरोपी और देते पांच सौ रुपये
पीड़िता ने पुलिस को बताया कि आरोपी अक्सर उसकी बुकिंग के बदले मोटी करम लेते थे। कई बार उसके पास आने वाले ग्राहक उसके मना करने पर हजारों रुपये देने की बात पर शांत रहने को कहते। उसके मुताबिक आरोपी पांच से आठ हजार ग्राहकों से लेते थे, और पीड़िता का पांच सौ रूपये खर्च के लिए थमा देते।