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लखनऊ

पहले हादसे में बची शिक्षिका की दूसरे में बेटे सहित मौत:एंबुलेंस से लौट रही थी घर

दर्दनाक सड़क हादसे (road accident) में बरेली (Bareilly) निवासी शिक्षिका और उनके 12 साल के इकलौते बेटे की मौत हो गई। शिक्षिका कुछ दिन पूर्व सड़क हादसे में घायल होने के बाद अस्पताल से परिवार सहित एंबुलेंस से घर लौट रही थी। रास्ते में ये भीषण हादसा हो गया।

लखनऊMar 13, 2024 / 08:59 am

Naveen Bhatt

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बरेली की शिक्षिका और उनके इकलौते बेटे की उत्तराखंड में सड़क हादसे में मौत हो गई

बरेली के हरैया किफायतउल्ला नवाबगंज निवासी 42 वर्षीय मधुलिका गंगवार 12 साल के बेटे देवांश, पति दिनेश, भतीजे विकास और मोहित, चालक प्रदीप के साथ देहरादून अस्पताल से एंबुलेंस में बरेली स्थित घर लौट रही थीं। मधुलिका कुछ दिन पूर्व एक सड़क हादसे में घायल हुई थी। देहरादून में उनका उपचार चल रहा था। देर रात दिनेशपुर के पास उनकी एंबुलेंस एक खड़े ट्रक से टकरा गई। हादसे में शिक्षिका मधुलिका और उनके बेटे की मौत हो गई। एंबुलेंस सवार पति, भतीजे और चालक गंभीर रूप से घायल हो गए।
सोमवार रात उनके पति उनको एंबुलेंस से अपने बरेली स्थित घर ला रहे थे। एंबुलेंस मंगलवार तड़के करीब तीन बजे दिनेशपुर पहुंची। उसी दौरान एंबुलेंस सड़क किनारे खड़े एक ट्रक से टकरा गई। टक्कर इतनी भीषण थी कि एंबुलेंस बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई और हादसे में मधुलिका की मौके पर ही मौत हो गई। उनके पति दिनेश, बेटा देवांश, भजीते विकास और मोहित और चालक प्रदीप गंभीर रूप से घायल हो गए। यहां से सभी घायलों को जिला अस्पताल रुद्रपुर लाया गया। जहां चिकित्सकों ने घायलों को राममूर्ति अस्पताल भोजीपुरा बरेली रेफर कर दिया। इसी दौरान रास्ते में देवांश ने भी दम तोड़ दिया।
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इसी एंबुलेंस में शिक्षिका और उनके बेटे की मौत हुई IMAGE CREDIT: patrika.com
19 फरवरी को सड़क हादसे में हुई थीं घायल

मधुलिका गंगवार अल्मोड़ा जिले के जैंती जीजीआईसी में गणित की प्रवक्ता थीं। बीते 19 फरवरी को नैनीतल जिले के धानाचूली में हुए सड़क हादसे में मधुलिका घायल हो गई थीं। इसके बाद उन्हें हल्द्वानी के एक अस्पताल ले जाया गया। यहां से उन्हें पहले राममूर्ति अस्पताल बरेली फिर हिमालय इंस्टीट्यूट दून रेफर किया। देहरादून में उनका उपचार किया जा रहा था।
बुझ गया इकलौता चिराग

मधुलिका गंगवार नौ साल से कन्या इंटर कॉलेज जैंती अल्मोड़ा में गणित विषय के प्रवक्ता के पद पर तैनात थीं। पति दिनेश गंगवार इकलौते बेटे देवांश को अच्छी शिक्षा देने के लिए हल्द्वानी में किराये के मकान में रह रहे थे। मधुलिका ने कॉलेज के पास ही किराये पर एक कमरा लिया था। देहरादून अस्पताल से वह पूरे परिवार के साथ बरेली स्थित आवास लौट रही थीं।

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