गर्मी में सफाई का बहुत रखे ध्यान
राष्ट्रीय परिवार एवं स्वास्थ्य सर्वेक्षण- 5 के अनुसार उत्तर प्रदेश में 15 से 24 साल की 72.6 फीसद युवतियाँ माहवारी के दौरान सुरक्षित साधनों का उपयोग करती हैं। जिसमें से 69 फीसद कपड़े, 56 फीसद सेनिटरी नैप्किन्स, 17 फीसद स्थानीय तौर से तैयार किए गए सेनिटरी पैड्स और दो फीसद टैम्पान्स का उपयोग करती हैं। शहरी क्षेत्र की 87 फीसद और ग्रामीण क्षेत्र की 68 फीसद महिलायं माहवारी के दौरान सुरक्षित साधनों का उपयोग करती हैं। माहवारी प्रबंधन के लिए कोई भी साधन उपयोग में लाएं लेकिन सबसे ज्यादा जरूरी है कि सफाई का ध्यान रखा जाए और इनका समुचित निस्तारण किया जाए | जहां सफाई के अभाव में जननांगों का संक्रमण होने की संभावना होती है वहीं साधनों के समुचित निस्तारण न होने से वातावरण प्रदूषित होता है।
माहवारी की निगरानी करें
किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय की वरिष्ठ महिला रोग विशेषज्ञ डा. सुजाता देव बताती हैं कि माहवारी उत्पादों के इस्तेमाल के बाद हाथों को साबुन और पानी से धोना चाहिए। महावारी के दौरान सूती कपड़े का उपयोग करना चाहिए | सेनिटरी नैपकिंस या कपड़े को हर दो से तीन घंटे पर बदलना चाहिए। अगर रक्तस्राव ज्यादा हो रहा है तो जल्दी-जल्दी बदला चाहिए। ऐसा न करने से बैक्टीरिया या फंगस रैशेज हो सकते हैं। टेंपोन्स को हर चार से आठ घंटे और मेंस्ट्रूयल कप को इस्तेमाल करने के बाद रोज धोना चाहिए। योनि को साफ पानी से धोएं। इसके अलावा पानी खूब मात्रा में पीना चाहिए जिससे कि पेशाब की नाली साफ रहे और योनि के संक्रमण को भी कम करता है। इसके साथ ही माहवारी की निगरानी करें क्योंकि माहवारी स्वास्थ्य का एक मार्कर होती है। अनियमित माहवारी डायबिटीज, सीलिएक और थायराइड का भी संकेत हो सकती है।