अदालती मनाही के बावजूद आईजी अमिताभ ठाकुर की ओर से जनहित में दाखिल याचिकाओं को लेकर सरकार उन पर शिकंजा कसने की तैयारी में है। अमिताभ की याचिकाओं में पीएसी और सीआरपीएफ व आरपीएफ एक्ट में संशोधन की बात है तो लाल-नीली बत्ती के दुरुपयोग रोके जाने का भी मामला है। ठाकुर ने जांच एजेंसियों से सरकार का नियंत्रण समाप्त किए जाने, बीसीसीआई द्वारा राष्ट्रीय खेल पुरस्कार की संस्तुति, सैन्य तथा अद्र्धसैनिक बलों में सस्ती शराब, ज्योतिषियों और स्वघोषित भगवान, सहारा क्यू शॉप जारी किए जाने की जांच, पुलिस कम्प्लेन अथारिटी की मांग, भारत रत्न से संबंधित कुछ बिन्दुओं पर याचिका दाखिल की है। इंटेलीजेंस ब्यूरो तथा राज्य अभिसूचना मुख्यालय द्वारा राजनैतिक अभिसूचना संकलित न किए जाने, सूचना का अधिकार अधिनियम-2005 पूर्ण अनुपालन कराये जाने, सहारा क्रेडिट कोआपरेटिव सोसाइटी के संबंध में जांच, राज्य सूचना आयोग के कतिपय निर्णयों को चुनौती और धर्मांतरण नियंत्रण संबंधी जनहित याचिका है।