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Uttar Pradesh Assembly election 2022 : अयोध्या में राम के बाद अब कृष्ण की शरण में बसपा, वृंदावन में ब्राह्मण सम्मेलन का दूसरा चरण एक अगस्त को

UP Assembly Election 2022 Updates :- बांके बिहारी में कान्हा का दर्शन कर वृंदावन में करेंगे ब्राह्मण सम्मेलन- कभी गैर भाजपा दलों के लिए अछूती थी अयोध्या,अब कैसे बदली तस्वीर

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अयोध्या में राम के बाद अब कृष्ण की शरण में बसपा

अयोध्या में राम के बाद अब कृष्ण की शरण में बसपा

पत्रिका न्यूज नेटवर्क

लखनऊ. UP Assembly Election 2022 Updates यूपी विधानसभा चुनाव 2022 ( UP Assembly Election 2022 Updates) के लिए सभी दलों ने अपनी नई रणनीति के तहत काम करना शुरू कर दिया है। सोशल इंजीनियरिंग के अपने पुराने कामयाब फॉर्मूले के तहत एक बार फिर ब्राह्मणों पर डोरे डालने के लिए बसपा ने कमर कस ली है। बसपा अयोध्या में भगवान राम के बाद अब श्रीकृष्ण की शरण में जा रही है। प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन का दूसरा चरण एक अगस्त से कान्हा की नगरी वृंदावन में बांके बिहारी के दर्शन से शुरू होगा। राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा तो दर्शन करेंगे पर बसपा सुप्रीमो भी क्या कान्हा के दरबार में हाजिरी लगाएंगी या नहीं, यह तय नहीं है। विधानसभा चुनाव जैसे जैसे करीब आ रहा है वैसे—वैसे धर्म, जातियां और उनके भगवान सभी राजनीतिक पार्टियों के फोकस में नम्बर वन पर हैं। अयोध्या जो कभी गैर भाजपा दलों के लिए अछूती थी आज हर दल की चहेती हो गई है।

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दूसरे समुदाय के साथ विनिंग कांबिनेशन हैं दलित :- सीएसडीएस के सर्वे के अनुसार, उत्तर प्रदेश की 25 करोड़ की जनसंख्या में ब्राह्मणों की आबादी करीब 13 फीसद है। जाटव और यादव के साथ ब्राह्मण समुदाय प्रदेश का सबसे बड़ा वोट बैंक है। ब्राह्मण यूपी में कई विधानसभा सीटों को प्रभावित करते हैं। वहीं पंजाब के बाद दलित आबादी मामले में उत्तर प्रदेश में करीब 26 फीसदी दलित हैं। यहां दलितों के लिए करीब 86 विधानसभा सीटें आरक्षित हैं। दलित किसी भी दूसरे समुदाय के साथ मिलकर विनिंग कांबिनेशन बनाता है।

ब्राह्मण-दलित एक हो जाएं तो सरकार तय :- प्रयागराज में प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन में बहुजन समाज पार्टी राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने कहाकि, ब्राह्मण अगर एक हो जाएं तो बिना उनके कोई पार्टी सरकार नहीं बना सकती। यूपी में करीब तीन करोड़ ब्राह्मण हैं। तेरह प्रतिशत ब्राह्मणों के साथ 26 प्रतिशत दलित अगर साथ हो जाएं तो कोई भी उन्हें सरकार बनाने से नहीं रोक सकता है। वैसे बहुजन समाज पार्टी सिर्फ ब्राह्मणों या दलितों ही नहीं बल्कि सर्व समाज की पार्टी है।

भाजपा बौखला गई :- दूसरी बार दलित-ब्राह्मण का गठजोड़ काठ की हांडी चढ़ने जैसा है। पर उम्मीद के सहारे अब कृष्ण की नगरी में प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन करने जा रहे सतीश चंद्र मिश्रा ने बताया कि, दूसरे चरण के सम्मेलन की शुरुआत एक अगस्त को भगवान कृष्ण की नगरी मथुरा के वृंदावन से की जाएगी। बसपा के इस कदम से भारतीय जनता पार्टी बौखला गई है।

सपा का 23 अगस्त से प्रबुद्ध सम्मेलन :- 23 अगस्त से सपा भी बलिया से प्रबुद्ध सम्मेलन का दूसरा चरण शुरू करने जा रही है। आयोजन करने जा रहे हैं।

गैर भाजपा दलों की चहेती बनी अयोध्या :- चुनाव 2022 जैसे करीब आ रहा वैसे ही, गैर भाजपा दलों के लिए अयोध्या चहेती बनती जा रही है। बसपा के प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन बाद अब तुरंत ही सीएम योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या का 24वां दौरा किया। कार्यकर्ताओं, नेताओं संग अयोध्या के निर्माण कार्यों की समीक्षा की। और यह भी प्रचारित किया जा रहा है कि 2022 का चुनाव सीएम योगी अयोध्श से ही लड़ेंगे। वहीं अपने समुदाय के नौ फीसदी आबादी के अगुवा सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव भी अयोध्या में रामलला के आगे शीश झुकाने आने वाले हैं। समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक पवन पांडेय ने कहा, 'संसद के सत्र के बाद हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव पूरे राज्य का दौरा शुरू करेंगे और अयोध्या भी आएंगे।' आम आदमी पार्टी ने अयोध्या में राम मंदिर ट्रस्ट की लैंड डील में गड़बड़ी का आरोप लगाया था।