दरअसल, अक्सर लोगों की ओर से शिकायत सामने आती हैं कि उन्हें समय से हाउस और वाटर टैक्स का बिल नहीं मिल रहा है। इसी के चलते वे बिल जमा नहीं कर पाते हैं और उनके ऊपर एरियर बढ़ता जाता है। हाल में ही निगम की ओर से कई ऐसे लोगों को नोटिस भेजने की तैयारी की है, जिन्होंने लंबे समय से टैक्स जमा ही नहीं किया है। इनमें से करीब 30 फीसदी लोग ऐसे हैं, जिन्हें पता ही नही है कि उनके ऊपर कितना हाउस टैक्स है।
खुद कर सकेंगे अपनी प्रोपर्टी का अस्सेस्मेंट
यह भी जानकारी सामने आई है कि एप में ऐसे ऑप्शन रहेंगे, जिनकी मदद से वह अपने घर के क्षेत्रफल के आधार पर टैक्स का आंकलन कर सकेंगे। चूंकि वर्ष 2010 में टैक्स असेसमेंट हो चुका है, जिससे कई लोग कंफ्यूज हैं कि उनके घर का कितना टैक्स है। एप में ऐसा ऑप्शन भी दिया जाएगा, जिसकी मदद से नई दरों के हिसाब से टैक्स असेसमेंट भी किया जा सकेगा।
नहीं लगाने पड़ेंगे चक्कर
अभी लोगों को अपना हाउस और वाटर टैक्स के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए नगर निगम कार्यालय के चक्कर काटने पड़ते हैं। कई बार तो यह भी देखने में आता है कि जब लोगों को टैक्स के बारे में जानकारी नहीं मिल पाती है तो वे लोग टैक्स जमा करना ही बंद कर देते है। शिकायतों के निस्तारण में भी सालों का समय लगता है या कर्मचारी पर वसूली के आरोप लगा दिए जाते हैं। इससे निगम को राजस्व का नुकसान उठाना पड़ता है।
राजधानी में शिकायतों की भरभार
दरअसल, मेयर के ट्विटर अकाउंट पर भी आए दिन टैक्स को लेकर शिकायतें आती रहती हैं। राजधानी में 5 लाख 40 हजार हाउस टैक्स पेयर्स हैं पर टैक्स काफी कम इखट्टा होता है। वहीं लोक मंगल दिवस में भी 40 फीसदी शिकायतें टैक्स से जुड़ी हुई आती हैं। इसे ध्यान में रखते हुए ही मेयर की ओर से एप क्रिएट कराने की दिशा में पहल की गई है। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को जल्द से जल्द इस दिशा में कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।
खुद कर सकेंगे अपनी प्रोपर्टी का अस्सेस्मेंट
यह भी जानकारी सामने आई है कि एप में ऐसे ऑप्शन रहेंगे, जिनकी मदद से वह अपने घर के क्षेत्रफल के आधार पर टैक्स का आंकलन कर सकेंगे। चूंकि वर्ष 2010 में टैक्स असेसमेंट हो चुका है, जिससे कई लोग कंफ्यूज हैं कि उनके घर का कितना टैक्स है। एप में ऐसा ऑप्शन भी दिया जाएगा, जिसकी मदद से नई दरों के हिसाब से टैक्स असेसमेंट भी किया जा सकेगा।
नहीं लगाने पड़ेंगे चक्कर
अभी लोगों को अपना हाउस और वाटर टैक्स के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए नगर निगम कार्यालय के चक्कर काटने पड़ते हैं। कई बार तो यह भी देखने में आता है कि जब लोगों को टैक्स के बारे में जानकारी नहीं मिल पाती है तो वे लोग टैक्स जमा करना ही बंद कर देते है। शिकायतों के निस्तारण में भी सालों का समय लगता है या कर्मचारी पर वसूली के आरोप लगा दिए जाते हैं। इससे निगम को राजस्व का नुकसान उठाना पड़ता है।
राजधानी में शिकायतों की भरभार
दरअसल, मेयर के ट्विटर अकाउंट पर भी आए दिन टैक्स को लेकर शिकायतें आती रहती हैं। राजधानी में 5 लाख 40 हजार हाउस टैक्स पेयर्स हैं पर टैक्स काफी कम इखट्टा होता है। वहीं लोक मंगल दिवस में भी 40 फीसदी शिकायतें टैक्स से जुड़ी हुई आती हैं। इसे ध्यान में रखते हुए ही मेयर की ओर से एप क्रिएट कराने की दिशा में पहल की गई है। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को जल्द से जल्द इस दिशा में कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।
वेबसाइट पर 5 प्रतिशत लोग ही ले रहे सुविधा
वर्तमान समय की बात करे तो कोई भी व्यक्ति निगम की वेबसाइट पर जाकर वाटर और हाउस टैक्स के बारे में जानकारी हासिल कर सकता है. देखने में आता है कि महज पांच प्रतिशत लोग ही इस सुविधा का लाभ उठाते हैं। जिसे ध्यान में रखते हुए ही एप क्रिएट करने की दिशा में कदम आगे बढ़ाए जा रहे हैं।
वर्तमान समय की बात करे तो कोई भी व्यक्ति निगम की वेबसाइट पर जाकर वाटर और हाउस टैक्स के बारे में जानकारी हासिल कर सकता है. देखने में आता है कि महज पांच प्रतिशत लोग ही इस सुविधा का लाभ उठाते हैं। जिसे ध्यान में रखते हुए ही एप क्रिएट करने की दिशा में कदम आगे बढ़ाए जा रहे हैं।
मेयर संयुक्ता भाटिया ने कहा कि लोगों की सुविधा के लिए एप क्रिएट कराने संबंधी योजना तैयार कराई जा रही है। इस एप की मदद से लोग बेहद आसान तरीके से हाउस और वाटर टैक्स के बारे में जानकारी हासिल कर सकेंगे साथ ही उसे जमा भी कर सकेंगे।