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लखनऊ

उत्तराखंड में भू-कानून लागू करने की मांग पर महारैली, दून में राज्य भर से जुटी भीड़

उत्तराखंड में भू-कानून लागू करने की मांग को लेकर तमाम संगठन मुखर हो गए हैं। इसी को लेकर आज देहरादून में उत्तराखंड मूल निवास स्वाभिमान महारैली का आयोजन किया गया, जिसमें राज्य भर से हजारों की संख्या में उत्तराखंडी जुटे।

लखनऊDec 24, 2023 / 02:52 pm

Naveen Bhatt

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उत्तराखंड में भू-कानून लागू करने की मांग पर रविवार को देहरादून में महारैली का आयोजन हुआ

रविवार को देहरादून में आयोजित महारैली में युवाओं सहित तमाम संगठनों के लोगों ने हिस्सा लिया। हाथों में बैनर और तख्तियों के साथ जनगीत भी गाए गए। महारैली में उत्तराखंड में मूल निवास कानून लागू करने और इसकी कट ऑफ डेट 26 जनवरी 1950 तय करने, राज्य में सशक्त भू-कानून लागू करने की मांग जोरशोेर से उठी। राज्य के कोने-कोने से प्रदर्शकारी इस रैली में शामिल होने देहादून पहुंचे हुए हैं।
परेड ग्राउंड में जुटे आंदोलनकारी
महारैली में बड़ी संख्या में तमाम सामाजिक और राजनीतिक संगठन शामिल होने के लिए राज्य भर से पहुंचे हुए थे। भारी संख्या में भीड़ परेड ग्राउंड में एकत्र हुई। उसके बाद उन्होंने सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए महारैली निकाली। रैली परेड ग्राउंड, काॅन्वेंट स्कूल से होते हुए एसबीआई चौक, बुद्धा चौक, दून अस्पताल, तहसील चौक होते हुए कचहरी स्थित शहीद स्मारक पहुंची।
जनसभा का आयोजन
महारैली के बाद सभा शुरू हो गई थी। मूल निवास, भू-कानून समन्वय संघर्ष समिति के संयोजक मोहित डिमरी के मुताबिक यह उत्तराखंड की जनता की अस्मिता और अधिकारों की लड़ाई है। उन्होंने बताया कि सरकार की ओर से विभिन्न माध्यमों से संघर्ष समिति से जुड़े सदस्यों से संपर्क कर रैली को टालने का अनुरोध भी किया गया।
ये प्रमुख मांगें हैं समिति की
1- प्रदेश में तत्काल ठोस भू कानून लागू हो
2- शहरी क्षेत्र में 250 मीटर भूमि खरीदने की सीमा लागू हो
3- गैर कृषक की ओर से कृषि भूमि खरीदने पर रोक लगे
4- पर्वतीय क्षेत्र में गैर पर्वतीय मूल के निवासियों के भूमि खरीदने पर तत्काल रोक लगे
5- ग्रामीण क्षेत्रों में भूमि की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगे
6- राज्य गठन के बाद से वर्तमान तक सरकार की ओर से विभिन्न व्यक्तियों, संस्थानों, कंपनियों आदि को दान या लीज पर दी गई भूमि का ब्यौरा सार्वजनिक हो
7- प्रदेश में पर्वतीय क्षेत्र में लगने वाले उद्यमों, परियोजनाओं में भूमि अधिग्रहण या खरीदने की अनिवार्यता है या भविष्य में होगी, उन सभी में स्थानीय निवासी का 25 फीसद और जिले के मूल निवासी का 25 प्रतिशत हिस्सा तय किया जाए
8- ऐसे सभी उद्यमों में 80 फीसद रोजगार स्थानीय व्यक्ति को दिया जाय

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