
पत्रिका न्यूज नेटवर्क
लखनऊ. पंजाब में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए बसपा सुप्रीमो मायावती ने मास्टर स्ट्रोक खेला है। उन्होंने पंजाब में सुखबीर सिंह बादल की शिरोमणि अकाली दल (शिअद) से गठबंधन किया है। अब दोनों दल अगले साल मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। दोनों दलों के रणनीतिकारों को उम्मीद है कि दोनों दलों का गठबंधन आगामी विधानसभा चुनाव में काफी फायदेमंद होगा। बीते विधानसभा चुनाव में अकाली दल और भारतीय जनता पार्टी के बीच गठबंधन था।
बसपा-शिअद में गठबंधन क्यों?
पंजाब में करीब 34 फीसदी दलित वोट हैं। खासकर पंजाब के दोआबा और मांझा क्षेत्र में दलितों की संख्या अधिक है। क्षेत्र की 18 सीटों पर दलित किसी भी प्रत्याशी हराने-जिताने का माद्दा रखते हैं। बसपा को गठबंधन के तहत जो सीटें दी गई हैं, ज्यादातर इसी क्षेत्र की हैं। इसके अलावाबसपा संस्थापक काशीराम ने पंजाब से ही अपनी शुरुआत की थी।
सतीश चंद्र मिश्रा बोले- ऐतिहासिक दिन
पंजाब पहुंचे बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश मिश्रा ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक दिन है क्योंकि शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) के साथ गठबंधन किया गया है, जो पंजाब की सबसे बड़ी पार्टी है। वर्ष 1996 में बसपा और एसएडी दोनों ने संयुक्त रूप से लोकसभा चुनाव लड़ा और 13 में से 11 सीटों पर जीत हासिल की। इस बार यह गठबंधन फिर बना है और अब यह नहीं टूटेगा।
बसपा 20, शिअद 97 सीटों पर लड़ेगा चुनाव
अकाली दल के मुखिया सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि पंजाब की कुल 117 विधानसभा सीटों में से 20 सीटों पर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और 97 सीटों पर शिरोमणि अकाली दल (शिअद) चुनाव लड़ेगा।
इन सीटों पर चुनाव लड़ेगी बसपा
पंजाब में बसपा जिन सीटों पर चुनाव लड़ेगी उनमें जालंधर, करतारपुर साहिब, जालंधर-पश्चिम, जालंधर-उत्तर, फगवाड़ा, होशियारपुर अर्बन, दसूया, रूपनगर जिले में चमकौर साहिब, बस्सी पठाना, पठानकोट में सुजानपुर, मोहाली, अमृतसर उत्तर और अमृतसर सेंट्रल शामिल हैं।
Published on:
12 Jun 2021 08:00 pm
बड़ी खबरें
View Allलखनऊ
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग
