
इस फॉर्मूले से गठबंधन के लिए विचार करेंगी मायावती, नेताअों को दिया निर्देश
लखनऊ. 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव के पहले मोदी लहर को कुंद करने के लिए बीएसपी ने रणनीतिक तौर पर काम करना शुरू कर दिया है। उत्तर प्रदेश के उपचुनावों में सपा के साथ गठबंधन में मिली सफलता का फॉर्मूला देश के अन्य राज्यों में भी इस्तेमाल करने की संभावना तलाशने के लिए मायावती ने दूसरे राज्य में प्रभारी को तैनात करते हुए काम पर लगा दिया है। प्रभारियों से मिले फीडबैक के आधार पर गठबंधन की संभावनाओं पर मायावती विचार करेंगी।
नेताअों को सौंपी जिम्मेदारियां
बसपा की मध्य प्रदेश व राजस्थान में इसी साल होने वाले विधानसभा चुनाव पर खासकर नजर है। बसपा इन दोनों राज्यों में संगठन को नए सिरे से खड़ा करने में जुटी हैं। बसपा प्रमुख मायावती ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को राज्यवार प्रभारी बनाते हुए जिम्मेदारियां सौंप दी है। इसके साथ ही वह लगातार इन राज्यों में पार्टी की होने वाली गतिविधियों पर नजर बनाए हुए हैं। मायावती यह साफ कर चुकी हैं कि भाजपा को हराने के लिए उन्हें गठबंधन से गुरेज नहीं है, लेकिन सम्मानजनक सीटों के बंटवारे पर ही महागठबंधन करेंगी। वहीं पार्टी से जुड़े कुछ लोगों का कहना है कि गठबंधन पर कोई भी फैसला मायावती करेंगी। मध्यप्रदेश में कांग्रेस भाजपा को शिकस्त देने के लिए बसपा से तालमेल की संभावना तलाश रहे हैं।
दलित बहुमूल्य सीटों पर नजर
बता दें कि मायावती दलित मध्य पर बड़ा आंदोलन खड़ा करती रही है। मायावती की नजर खासकर दलित बहुमूल्य सीटों पर है। इसलिए पार्टी प्रभारियों को ऐसी सीटों के आसपास खासकर संगठन को विस्तार देने का निर्देश दिया गया है। बसपा के अधिकर प्रदेश प्रभारी अपने राज्यों में संगठन को विस्तार देने में जुटे हुए हैं।
बता दें कि कर्नाटक चुनाव में बसपा ने जेडीएस से गठबंधन किया था और वह एक सीट जीतने में कामयाब रही। सबसे दिलचस्प यह है कि जेडीएस का बसपा के साथ गठबंधन के बाद दो फीसदी वोट बढ़ा, जिसके कारण वह कुछ सीटें जीतने में सफल रही। हालांकि बसपा ने 18 सीटों पर चुनाव लड़ा था लेकिन वह एक ही सीट पायी। इन कुल सीटों में बसपा को करीब 1.06 लाख वोट मिले।
Published on:
26 Jun 2018 03:38 pm
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