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विधानसभा में शिवपाल यादव ने किसानों के मुद्दे पर योगी सरकार को घेरा, बोले- खतौनी के नाम पर वसूले जा रहे हैं चार गुने पैसे

मानसून सत्र के दौरान बुधवार सपा विधायक शिवपाल सिंह यादव ने किसानों के मुद्दे पर जमकर योगी सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि यूपी में किसानों से खतौनी के नाम पर चार गुने पैसे वसूले जा रहे हैं ।

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लखनऊ

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Anand Shukla

Jul 31, 2024

Shivpal Singh Yadav slams farmer issue in up vidhansabha

Monsoon Session: उत्तर प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र जारी है। बुधवार को विपक्ष ने किसान के मुद्दे पर योगी सरकार को जमकर घेरा। सपा विधायक शिवपाल यादव ने कहा कि प्रदेश सरकार खुद को किसानों का हितैषी बताती है, लेकिन उनका लगातार दोहन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार किसानों के उत्थान के बड़े- बड़े दावे पेश करती है, लेकिन वास्तविकता इससे परे हैं। किसानों को खतौनी के लिए तीन से चार गुना अधिक शुल्क देना पड़ रहा है, जिससे उनको आर्थिक समस्या का सामना करना पड़ रहा है।

उन्होंने कहा कि पूर्व की व्यवस्था के अनुसार एक ही खाते में अंकित सभी खतौनी निकल आती थी। अब रियल टाइम खतौनी में अलग-अलग खतौनी निकल रही है, जिससे सभी का अलग-अलग शुल्क लिया जा रहा है।

गरीब किसान पर पड़ रहा है अतिरिक्त भार

शिवपाल यादव ने कहा कि प्रदेश सरकार ने नई खतौनी को प्राप्त करने के संबध में कोई संशोधन या आदेश भी पारित नहीं किया है। अगर सरकार ने कोई आदेश जारी किया है तो इसकी सूचना दी जाए। उन्होंने कहा कि तहसील में इनकम लगातार बढ़ रही है लेकिन गरीब किसान पर अतिरिक्त भार पड़ रहा है।

उन्होंने कहा, "कई किसानों ने मुझे बताया कि पूर्व में खतौनी निकालने का शुल्क 10 रुपये था जो अब 15 रुपये हो गया है। इसके अलावा किसानों से सुविधा शुल्क भी लिया जाता है।"

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सपा सरकार में खतौनी का शुल्क कुल पेजों के लिए 15 रुपए था: शिवपाल यादव

शिवपाल यादव ने आगे कहा कि सपा सरकार में खतौनी का शुल्क कुल पेजों के लिए 15 रुपए रखा गया था, लेकिन मौजूदा सरकार किसानों से खतौनी के लिए प्रति पेज 15 रुपये वसूल रही है। इसके अलावा सुविधा शुल्क भी लिया जा रहा है।

तहसील के अधिकारी नियमों का लाभ उठा रहे हैं। खतौनी की फीस 5 रुपये से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। शुल्क में वृद्धि करने से किसानों पर आर्थिक बोझ बढ़ता जा रहा है।