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लखनऊ

राम मंदिर निर्माण- नींव के लिए जिस तरह की मिट्टी की थी जरूरत, वह मिलने लगी खोदाई में

राम मंदिर निर्माण (Ram Mandir Nirman) का कार्य जारी है। इस बीच नींव में डालने के लिए जिस तरह की मिट्टी की जरूरत थी, उस तरह की मिट्टी जमीन की खोदाई में मिलने लगी है।

लखनऊFeb 23, 2021 / 04:26 pm

Abhishek Gupta

Digging

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पत्रिका न्यूज नेटवर्क.

अयोध्या. राम मंदिर निर्माण (Ram Mandir Nirman) का कार्य जारी है। इस बीच नींव में डालने के लिए जिस तरह की मिट्टी की जरूरत थी, उस तरह की मिट्टी जमीन की खोदाई में मिलने लगी है। बीते एक माह से राम जन्मभूमि स्थल में चल रहे खोदाई के काम में अब तक 35 मीटर खुदाई हो चुकी है, जिसके बाद जरूरी प्राकृतिक मिट्टी मिलने लगी है। ट्रस्ट के सदस्यों को पहले ही इसका भरोसा था। रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने इस पर खुशी जाहिर करते हुए जानकारी दी है। चंपत राय ने बताया कि नींव के लिए खोदाई के काम में लगे इंजीनियरों ने खुदाई के दौरान प्राकृतिक मिट्टी प्राप्त की है। हमने पहले ही उम्मीद जताई थी कि करीब 15 मीटर तक खोदाई किए जाने पर प्राकृतिक मिट्टी मिलना शुरू हो जाएगी और ऐसा ही हुआ। उन्होंने कहा कि श्रीराम मंदिर सदियों तक सुरक्षित रहे, इसके लिए देश की आठ नामी तकनीकी एजेंसिया निर्माण कार्य में लगी हैं।
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बाढ़ से बचने के लिए बनाया जा रहा प्लान-

वहीं अब बाढ़ से बचने का भी प्लान बनाया जाना शुरू हो गया है। फिलहाल इंजीनियरों ने जो सर्वे करना शुरू किया उससे यह निष्कर्ष निकला है कि बाढ़ आदि से मंदिर सुरक्षित रहेगा। बाढ़ का जो मानक तय हुआ है, उसकी अधिकतम ऊंचाई 94 मीटर है और राम मंदिर परिसर सरयू घाट से 105 मीटर ऊपर होगा। वहीं भूकंप से भी मंदिर को सुरक्षित रखने का प्लान बनाया जा रहा है। इसके लिए नींव में पत्थरों की लेयर बिछाई जाएगी। इसके लिए राममंदिर की नींव में पत्थरों की लेयर बिछाई जाएगी। मंदिर को जितना लंबा व चौड़ा बनना है, उतने हिस्से पर ठोस प्लेटफार्म रहेगा। हर दो-दो फीट पर रोल चलाया जाएगा। मंदिर नींव में किस तरह के केमिकल व पदार्थों का इस्तेमान करना है, इसको लेकर एलएंडटी (L and T) व टाटा (TATA) के इंजीनियर अध्ययन कर रहे हैं।

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